बिजली की किल्लत से उद्योग जगत पर मंडराने लगा खतरा, उद्योगपति काम छोड़कर घर बैठने को हुए मजबूर

4/29/2022 3:06:03 PM

पानीपत(सचिन): पानीपत को टैक्टाइल का हब माना जाता है। यही हब अब मुश्किल दौर से गुजर रहा है। पहले कोरोना के कारण जहां उद्योगपतियों को भारी नुकसान हुआ था तो अब बिजली की किल्लत के चलते उद्योग जगत पर खतरा मंडराने लगा है । उद्योगपतियों का कहना है पर्याप्त बिजली नहीं मिली तो जल्द ही उन्हें अपनी फैक्ट्रियों की कुछ एक यूनिट बंद करनी पड़ सकती है ।

अपनी इस समस्या को लेकर उद्योगपति दर्पण चावला ने बताया कि 5 से 6 घंटे बिजली कट लगते हैंl  बिजली की किल्लत के चलते जरनेटर का इस्तेमाल करना पड़ता है। जरनेटर में डीजल की खपत एक यूनिट चलाने में पचास हजार से 1 लाख तक आ रही है । वहीं समय पर ऑर्डर पुरा करने पर पार्टियां भी नाराज हो रही हैं।

उन्होंने कहा कि अगर यही हालात रहे तो जल्द ही उन्हें भी अपनी यूनिट बंद करनी पड़ सकती है। बिजली किल्लत के चलते उद्योग बन्द होते है तो श्रमिक भी बेरोजगार हो सकते है। शहर के उद्योगपति खतरे को देखते हुए जिला प्रसाशन को ज्ञापन भी सौंप चुके है।फिर भी बिजली की किल्लत मिटती नही दिख रही।

शहर के उद्योगपतियों ने बताया कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि बिजली के इतने लंबे लंबे कट लग रहे हो। ऐसे में अगर किल्लत लगातार बनी रही तो व्यवस्था पटरी से उतर जाएगी और उद्योगपतियों को काम छोड़ घर बैठना पड़ेगा।

बता दें कि थर्मल पावर प्लांट में 3 यूनिट इस समय बिजली उत्पादन कर रही है बिजली की किल्लत को देखते हुए तीसरी यूनिट जो पिछले 3 महीने से बंद पड़ी थी अब उसे भी चालू किया गया है जिसकी क्षमता 250  मेगावाट है। आपको बता दें कि पहली यूनिट से 180 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रही है और दूसरी यूनिट से 210 उत्पादन हो रहा है और और अब जिस तीसरी यूनिट को चालू किया गया है उसकी क्षमता 250 मेगावाट है पर इस समय वह यूनिट 180 मेगावाट बिजली उत्पादन कर रही है।

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Content Writer

Vivek Rai