दो छोटी गलतियों के कारण किसान की लाखों की फसल जलकर हुई राख, आप न करें ऐसी गलती

9/21/2019 4:51:24 PM

पलवल (दिनेश): कीटनाशक दवा के दुष्प्रभाव से एक किसान की 2 एकड़ तिलहन की खेती सूख कर बर्बाद हो गई, जिससे किसान को लाखों रुपए का नुकसान हो गया है। लहलहाती फसल के अचानक सूख जाने से किसान सदमे में है। किसान ने कृषि विभाग से मदद की गुहार लगाई। विभाग के अधिकारियों ने जांच में पाया कि किसान की दो गलितियों के कारण फसल सूखी है।

पलवल जिले के खिरबी निवासी किसान गिरिराज ने दो एकड़ में तिलहन की खेती की थी। तिल की फसल पकने के लिए तैयार हुई, तो उसमें उसे कुछ कीड़े लगते दिखाई दिए, जिसके कारण पत्ते सिकुडऩे लगे थे। इससे चिंतित किसान ने होडल के बांगा बीज एवं कीटनाशक दवाई विक्रेता से कीटनाशक दवाई खरीदी और गांव के ही एक ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर से दवाई का छिड़काव करा दिया।



लेकिन दवाई छिड़कने के दूसरे दिन तिल की सारी खेती सूखने लगी और दो-तीन दिन में लगभग 80 परसेंट खेत बिल्कुल सूख गए। जिसे चिंतित होकर किसान ने दवा विक्रेता एवं दवा कंपनी के खिलाफ आरोप लगाते हुए मुआवजे की मांग की है। अधिकारियों के निर्देश पर कृषि विभाग के उपमंडल अधिकारी कुलदीप तेवतिया ने खेत का मुआयना कर किसान से पूरी जानकारी ली। जिसमें पाया गया किसान ने प्रमुख रूप से दो गलतियां की थी जिसके कारण उसकी खेती सूख गई।



पहली गलती में उसने कीटनाशक दवाई के छिड़काव में इस्तेमाल किए जाने वाले पानी के रूप में नाले के गंदे पानी का इस्तेमाल किया था, जिसमें कीटनाशक दवा का घोल मिला दिया था। दूसरी गलती ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रे करने वाले से हुई, जिसने कीटनाशक दवाई का छिड़काव करने से पहले किसी दूसरे खेत में खरपतवार नाशक दवाई का छिड़काव किया था।



बताया जा रहा है कि टंकी में तथा नली के अंदर खरपतवार नाशक दवाई के अंश मौजूद रहने के कारण कीटनाशक दवाई के घोल में मिल गए। जिस के दुष्प्रभाव से तिल की खेती जल गई और किसान को करीब लाख रूपये का नुकसान हुआ है।

कृषि विभाग के अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर अधिकारियों को सौंप दी है। जानकारी के अनुसार किसान ने अपने खेत का कृषि बीमा भी नहीं कराया हुआ था, जिसके कारण सीधा सीधा नुकसान किसान को हुआ है।

Shivam