डिलीवरी के दौरान महिला की मौत, अस्पताल में पर्याप्त सुविधा होती तो बच जाती जान

8/26/2018 11:17:11 AM

नूंह(एेके बघेल): प्रदेश में एक बार फिर से अस्पताल की लापरवाही के चलते एक गर्भवती महिला की डिलीवरी के समय जान चली गई। परिजन भले ही क़ानूनी कार्रवाई से इंकार कर रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं के लचर होने का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सीएचसी स्तर के अस्पताल से महिला को प्रसव पीड़ा के दौरान सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा करीब 15 किलोमीटर दूर रैफर करना पड़ा। अस्पताल पहुंचने से पहले ही महिला ने दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। हालाकि  अस्पताल मांडीखेड़ा में महिला को बचाने की अंतिम कोशिश की ,लेकिन कामयाबी नहीं मिली। 

जानकारी के मुताबिक सिघरावट गांव की महिला मुरसीदा पत्नी इरशाद की पत्नी गर्भवती थी। प्रसव पीड़ा के कारण मुरसीदा को सीएचसी फिरोजपुर झिरका लाया गया। जहां उसे उपचार के दौरान टीका इत्यादि दिया गया। टीका लगाने के बाद महिला की तबियत बिगड़ने लगी , तो डॉक्टरों ने उसे अल आफिया अस्पताल मांडीखेड़ा रैफर किया गया।

वहां के  डॉक्टर रविकांत ने बताया कि महिला रात को बारह बजे के बाद आई थी। उन्होंने बताया कि महिला की अस्पताल पहुंचने से पहले ही जान चली गई थी , फिर भी डॉक्टरों ने अपनी तरफ से कोशिश की। डॉक्टरों की कोशिश के बावजूद महिला को बचाया नहीं जा सका। 

पुलिस को मामले की सूचना दी जा चुकी है। पुलिस पीड़ितों के ब्यान दर्ज करेगी। जिसके बाद शव का पोस्टमार्टम किया जायेगा। मृतक महिला के परिजनों को क़ानूनी कार्रवाई से ज्यादा शव लेने की चिंता ज्यादा है। ध्यान रहे कि सरकार - स्वास्थ्य विभाग मातृ -शिशु मृत्यु दर को रोकने की भले ही लाख कोशिश की जा रही हो ,लेकिन सुरक्षित डिलीवरी का दम भरने वाला स्वास्थ्य विभाग जच्चा - बच्चा की मौत नहीं रोक पा रहा है। 
 

Deepak Paul