दुष्यंत ने नौकरियों में पारदर्शिता पर उठाए सवाल, कहा- CM ने शिक्षा विभाग को रखा गिरवी

7/1/2018 1:19:23 PM

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी): हिसार से सांसद अौर इनेलो नेता दुष्यंत चौटाला ने आज चंडीगढ़ में प्रेस वार्ता कर हरियाणा सरकार के नौकरियों में पारदर्शिता के दावे पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि 22 जिलों में हरियाणा एंप्लॉयमेंट एक्सचेंज में आरटीआई लगाकर जानकारी मांगी गई। जिससे पता चला कि 2 लाख 62 हजार लोगों ने पंजीकरण करवाया है, जिसमें अभी तक 9948 युवाओं को सक्षम युवा योजना के तहत बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा है। वहीं चौटाला ने कहा कि रजिस्ट्रेशन करवाने वाले युवाओं में से केवल 167 लोगों को ही सरकारी नौकरी मिली है।

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जब सर्व शिक्षा एस्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने एक लेटर लिखा था जिसमें 19 कंपनियों को काम दिया गया। जिसमें ज्यादातर कंपनियां गुजरात की हैं और इस मामले की मंजूरी CM ने दी हुई है। चौटाला ने कहा कि शिक्षा विभाग में जेबीटी पदों 3000 पदों की मांग को पूरा करने के लिए 19 कंपनियों को काम दिया गया और कंपनी ने बिना नियमों का पालन करके भर्ती कर दी। चौटाला ने कहा कि संविधान को ताक में रखकर भर्तियां की गई हैं। हरियाणा सरकार ने रोजगार कार्यालय को अनदेखा किया है। हरियाणा को 19 कंपनियों के पास शिक्षा विभाग को ठेके पर रख दिया है। युवाओं के भविष्य के साथ कंपनियां मनमर्जी कर रही हैं। सरकार ने नियमों को ताक पर रखकर 7 साल के लिए शिक्षा विभाग को गिरवी रख दिया है।

चौटाला ने कहा कि प्राइमरी स्कूलों का काम इस तरह से देना शिक्षा सुधार पर सवाल खड़े कर रहा है। चौटाला ने कहा सरकार को तुरंत प्रभाव से इस पर एक्शन लेना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में सभी अधिकारियों को नोटिस भेजा है और जरूरत पड़ने पर वह कोर्ट में याचिका दाखिल कर सकते हैं। 

हरियाणा में बढ़ रही नशे को लेकर जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अनिल विज ने मुझे नशेड़ी तक कह दिया था। उन्होंने कहा कि 7 जुलाई को हिसार की कोर्ट में अनिल विज के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करूंगा। चौटाला ने कहा कि अनिल विज ने मेरे साथ हरियाणा के युवाओं को भी नशेड़ी बोला था और अगर वह ऐसा बोलते हैं कि हरियाणा के युवा नशे को अपना रहे हैं तो इसमें सरकार की नाकामयाबी दिखाई देती है। चौटाला ने कहा कि आज पूरे प्रदेश के अंदर नशे का बढ़ावा हो रहा है। आज की युवा पीढ़ी नशे की तरफ बढ़ रही है और इस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए।

Nisha Bhardwaj