ई प्रणाली के विरोध में सड़कों पर उतरे सरपंच, 28 मार्च को CM आवास को घेरने का ऐलान(video)

3/22/2018 3:15:27 PM

सिरसा(सतनाम सिंह): कर्मचारियों, मजदूरों के बाद अब प्रदेश के सरपंचों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सरकार द्वारा लागू की गई ई प्रणाली के विरोध में प्रदेश भर के पंच, सरपंच और ग्राम सचिव आज हरियाणा भर में सड़कों पर उतर आए हैं। सरपंचों का कहना है की अगर सरकार इस प्रणली को रद्द नहीं करती तो 28 मार्च को प्रदेशभर के सरपंच चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री का घेराव करेंगे। 

सरकार द्वारा लागू की गई ई प्रणाली के विरोध में आज सिरसा में सरपंच सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सरपंच एसोसिएशन के प्रधान अमनदीप सिंह का कहना है कि सरकार बिना किसी सुविधा के इस प्रणाली को लागू कर रही है। उनका कहना है कि जब तक पूरा सिस्टम सहीं नहीं होता तब तक इसे लागू न किया जाए। सरपंचो ने जिला प्रसाशन के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा।

रोहतक(दीपक भारद्वाज): हरियाणा सरकार ने पंचायतों को सक्षम बनाने के लिए ई प्रणाली शुरू की है। जिसके तहत ईमेल व इंटरनेट के माध्यम से पंचायती राज के काम करने के दिशा निर्देश दिए हैं लेकिन यह प्रदेश के पंच, सरपंच व ग्राम सचिवों को रास नहीं आया। जिसको लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए सरपंच सड़कों पर उतर आए और उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जिसके बाद लघुसचिवालय पहुंचे और जिला उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। 

सरपंच एसोसिएशन के प्रधान राकेश का कहना है कि उन पर ई प्रणाली को थोपा जा रहा है। जबकि सरकार की ओर से संसाधन उपलब्ध नहीं करवाए जा रहे हैं। यहां तक की बहुत काम इस प्रणाली की वजह से अटक जाते हैं और वे गांव का विकास नहीं कर पाते। 

फतेहाबाद(रमेश भट्ट): प्रदेश भर में लम्बे समय से अपनी मांगों को लेकर सरपंचों ने फतेहाबाद जिला मुख्यालय पर पंचायत भवन में एकत्रित होकर एक बैठक की और सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए। बैठक के बाद वे विरोध प्रदर्शन करते लघु सचिवालय पहुंचे। जहां पर उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा।
    
सरपंचों का कहना था कि हरियाणा सरकार झूठ की राजनीति कर रही है। जिसका स्पष्ट प्रमाण इसी बात से चलता है कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बने हुए करीब तीन साल होने को हैं। लेकिन इन तीन सालों में सरकार ने ग्रामीण आंचल के विकास के लिए किसी भी ग्राम पंचायत को ग्रांट देने की बजाय केवल कानून बनाने के अध्ययन में जुटी है। सरपंचों ने यह भी कहा कि अब सरकार पढ़ी-लिखी पंचायतों के अधिकार छीनने का प्रयास ई-प्रणाली के जरिए कर रही है। सरकार के इन प्रयासों को किसी भी सूरत में सफल नही होने दिया जाएगा। उन्होंने सरकार से ई-प्रणाली तुरंत प्रभाव से वापिस लेने की मांग की और यह भी चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द ही सरपंचों के अधिकार बहाल नहीं किए तो वे अपना इस्तीफा दे कर पूरे प्रदेश में एक बड़ा आंदोलन खड़ा कर देंगे।

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