न नवरात्र में फूल बिके और न विवाह में किसी के गले का हार बने, किसानों काे लाखाें का नुकसान

4/4/2020 1:30:45 PM

हिसार: लाॅकडाउन के कारण फूलाें की खेती करने वालाें पर गहरा असर पड़ा है। इस नवरात्र में न ताे भगवान पर चढ़ाने के लिए फूलाें के खरीदार मिले और न ही विवाह व अन्य आयोजनों के लिए फूल खरीदे जा रहे हैं। इसके कारण किसानों काे लाखाें का नुकसान हुआ है। 

खरीदार नहीं मिलने के कारण किसान खेतों में उगाए गए फूलाें काे पशुओंं काे चारे के ताैर पर डालने काे मजबूर हैं। किसानों ने कहा कि इस बार ताे उन्हें परिवार का गुजारा करना भी मुश्किल है। हर साल नवरात्राें के समय फूलाें की अच्छी डिमांड हाेती थी, मगर इस बार मंदिर बंद रहे। किसानाें काे भाव भी प्रति किलाे 80 से 90 रुपए मिल जाते थे, लेकिन इस बार सब्जी मंडी में उन्हीं फूलाें काे काेई भी 5 रुपए किलाे के हिसाब से भी खरीदने काे तैयार नहीं है। किसानाें के सामने सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि इस फसल का स्टाॅक भी नहीं कर सकते।  

क्या बाेले किसान : हर सप्ताह हाेती थी 25 से 30 हजार की आमदनी 
गांव तलवंडी के किसान सुरेश गाेयल का कहना है कि उन्हाेंने एक एकड़ में गुलाब व 6 एकड़ में गेंदे के फूल की खेती कर रखी है। फूलाें की खेती से उन्हें हर सप्ताह 25 से 30 हजार की आमदनी हाेती थी, लेकिन काेराेना के कारण इस बार मार्केट में एक फूल भी नहीं बिका।

पशुओं के चारे में कर रहे प्रयाेग 
गांव गंगवा निवासी सुरजीत सिवंर का कहना है कि उन्हाेंने 6 कनाल में गुलाब की खेती कर रखी है। लाॅकडाउन के कारण फूल मार्केट में नहीं बिक सके। जिस वजह से फूलाें की खेती करने वाले किसानाें काे करीब एक लाख का झटका लगा है। गांव चाैधरीवास वासी किसान हेतराम का कहना है कि उन्हाेंने 1 कनाल में गेंदे की खेती कर रखी थी। फूल न बिकने से नुकसान ज्यादा हाे गया है।

गायाें के लिए बना रहे गुलकंद
गांव मंगाली आकलान निवासी वेदप्रकाश का कहना है कि उन्हाेंने 2 कनाल में गुलाब की खेती कर रखी थी। फूलाें की सप्लाई दिल्ली की जाती थी लेकिन लाॅकडाउन के दाैरान इस बार सप्लाई नहीं हाे सकी। जिस वजह से 2 लाख का नुकसान हाे गया है। फूलाेें का प्रयाेग गायाें के लिए गुलकंद बनाने में किया जा रहा है।

Edited By

vinod kumar