शिक्षा मंत्री ने पूरा किया 12वीं की टॉपर हिना का सपना

6/4/2018 4:11:07 PM

भिवानी(अशोक भारद्वाज): हरियाणा प्रदेश के प्रतिभाशाली जरूरतमंद बच्चों को अब शिक्षा विभाग की तरफ से भविष्य की शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके लिए 10 करोड़ रूपए का कोष निर्धारित किया गया है। यह बात आज भिवानी शिक्षा बोर्ड में प्रदेश के शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने प्रदेश भर में 12वीं कक्षा में प्रथम आई हिसार की छात्रा कुमारी हिना को 4 लाख रूपए के सहायता राशि भेंट करने के बाद पत्रकार वार्ता के दौरान कही। 
   
इस मौके पर शिक्षा मंत्री ने न केवल 12वीं कक्षा की टॉपर कुमारी हिना को 4 लाख रूपये का चैक भेंट किया, बल्कि अपना विजिटिंग कार्ड भेंट करते हुए कहा कि भविष्य में उच्च शिक्षा के दौरान किसी प्रकार की सहायता या आवश्यकता छात्रा को पड़े तो वह नि:संकोच उन्हें फोन करें। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश के वे प्रतिभावान बच्चें जो आर्थिक रूप से कमजोर है, जिन्हें उच्च शिक्ष ग्रहण करने के दौरान धन का अभाव महसूस होता है वे शिक्षा विभाग में अप्लाई कर अपनी जरूरत के अनुसार उच्च शिक्षा के लिए बगैर ब्याज पैसा ले सकते हैं। यह योजना प्रदेश के प्रतिभाशाली होनहार बच्चों के लिए बनाई गई है। इसके तहत 10 करोड़ रूपए की राशि भी निर्धारित की जा चुकी है। 
    
वहीं, इस अवसर पर छात्रा हिना ने बताया कि 12वीं कक्षा में टॉप करने के बाद उसे बिट्स पिलानी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए 4 लाख रुपए की जरूरत थी, जब उन्होंने शिक्षा मंत्री से संपर्क साधा तो उन्होंने दो दिन में पैसा दिलवाए जाने का वायदा किया था। आज इस वायदे को पूरा करते हुए शिक्षा मंत्री ने उन्हें चार लाख रुपए का चेक भेंट किया हैं। जिसका उपयोग वे इंजीनयरिंग की पढ़ाई के दौरान कर पाएंगी। 

शिक्षा मंत्री ने एक जून से चल रहे किसानों के गांव बंद आंदोलन को लेकर कहा कि प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए पहले से ही भावांतर योजना लागू कर रखी है। जिसके तहत आलू, गोभी, प्याज, टमाटर जैसी संरक्षित न किए जाने वाली सब्जियों को 400 रुपे प्रति क्विंटल से नीचे न खरीदे जाने का नियम बनाया हैं। उन्होंने प्रदेश के किसानों द्वारा सड़कों पर दूध, सब्जियां व खेत की पैदावार डाले जाने पर अफसोस जताते हुए कहा कि सड़कों पर पैदावार भारत की आईडियोलॉजी नहीं है। यह भारतीय विचारधारा से मेल नहीं खाती। हरियाणा प्रदेश के 10 साल की पॉलिसी के तहत पक्के हुए कर्मचारियों को हाईकोर्ट द्वारा पॉलिसी रद्द कर फिर से भर्ती किए जाने के आदेशों पर उन्होंने कहा कि पूर्व की हुड्डा सरकार ने रेगुलर लाइजेशन की पॉलिसी में जो खामियां छोड़ी थी, उसके चलते यह हुआ है। 

Nisha Bhardwaj