अधेड़ व्यक्ति ने मासूमों से की शर्मनाक हरकत, भरी पंचायत में रगड़नी पड़ी नाक (Pics)

2/26/2017 11:23:26 AM

रेवाड़ी (मोहिंदर भारती):देश व प्रदेश की सरकारें भले ही बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं का दम भरते नहीं थकती हों, लेकिन हकीकत यह है कि आज भी बेटियां महफूज नहीं हैं। इसी के चलते रेवाड़ी जिले के गांव मस्तापुर में 10 वर्षीय 2 मासूमों के साथ एक अधेड़ शख्स द्वारा स्कूल की कैंटीन में छेड़छाड़ करने का मामला सामने आया है। तस्वीरों में आप जिन नन्हीं-मुन्नी बच्चियों को देख रहे हैं, इन मासूमों को जिंदगी के सही मायनों के बारे में अभी कुछ भी नहीं पता है, लेकिन निजी स्कूल की एक कैंटीन चला रहे अधेड़ ने सारी सीमाएं लांघ दी और उसने एक नहीं, बल्कि 2-2 मासूमों के साथ नाजायज हरकतें कर डाली। इनमें से एक मासूम ने जब घर जाकर परिजनों को आपबीती बताई तो उनका गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया और वे स्कूल जा पहुंचे।

मामले को गर्माता देख स्कूल संचालक ने पुलिस कंट्रोल रूम को इसकी सूचना दी और पुलिस मौके पर भी पहुंची, लेकिन खाली हाथ बैरंग लौट आई। तभी गांव के सरपंच आरोपी शख्स को लेकर गांव में पहुंचे और आरोपी से भरी पंचायत में नाक रगड़वाकर उसे छोड़ दिया गया। सरपंच ने ऐसा करके न केवल आरोपी को बचाया, बल्कि अपने आपको कानून से भी ऊपर समझ लिया। वहीं आरोपी का कहना है कि भरी पंचायत में न केवल उससे नाक रगड़वाई गई, बल्कि उसके मुंह पर थूका भी गया है। आरोपी अपने आपको निर्दोश बता रहा है, लेकिन बच्चिायों द्वारा कही गई बातें कितनी झूठी हैं, यह आप भी समझ सकते हैं। 

मासूमों का कहना है कि पहले एक मासूम से जब अधेड़ द्वारा छेड़छाड़ कर किसी को न बताने की बात कही, लेकिन उसने अपनी एक दोस्त से आपबीती बताई। मगर जब उस सहेली के साथ भी यही हरकत हुई तो यह मामले ने तूल पकड़ लिया। वहीं हैरान करने वाली बात यह है कि मासूमों के साथ इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद पुलिस भी पंचायती फैसले के आगे अपने आपको न केवल असहाय महसूस कर रही है। वहीं ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि पंचायत ने सही और गलत का फैसला आखिर कैसे ले लिया। क्यों ना सरपंच ने इसकी शिकायत पुलिस को दी, ताकि पुलिस दूध का दूध और पानी का पानी करती, लेकिन सरपंच ने अपने ही गांव के इस शख्स को बचाने के लिए अपना तुगलकी फरमान सुना दिया। ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि आखिर बेटियां कितनी सुरक्षित हैं।