उद्योगपतियों और व्यापारियों को भी झटका दे रहे पैट्रोल-डीजल के दाम

5/29/2018 3:21:01 PM

अम्बाला(वत्स): पैट्रोल और डीजल के दामों में वृद्धि किसानों के बाद प्रदेश के उद्योगपतियों और व्यापारियों को बड़ा झटका दे रही है। पैट्रोलियम पदार्थों की कीमतों से उद्योगपतियों को इससे चौतरफा मार पड़ रही है। बिजली की कमी और महंगी बिजली पहले ही उनके लिए गले की फांस बनी हुई है। डीजल के दामों में वृद्धि से उद्योगों की ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था भी महंगी हो जाएगी।

हरियाणा में इस समय बड़े और मध्यम उद्योगों की संख्या करीब 1670 है। इसके अलावा हजारों लघु उद्योगों की संख्या भी काफी अधिक है। वर्ष 2013-14 में उद्योगों की बिजली की दर 4.70 रुपए प्रति यूनिट थी। फिक्स रेट 130 रुपए प्रति किलो वोल्ट थे। अब ये बढ़कर 6.65 और 170 रुपए हो चुके हैं। महंगी होने के बावजूद उद्योगपतियों को पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही है। उन्हें 8 से 14 घंटों तक के कट झेलने पड़ रहे हैं। कटों के लिए भी सरकार की ओर से 3 जोन में अलग-अलग शैड्यूल बनाए हुए हैं। बिजली महंगी होने के कारण उद्योगों में जैनरेटर चलाने के लिए डीजल की आवश्यकता होती है। 

डीजल महंगा होने के कारण उनकी उत्पादन लागत और बढ़ जाती है। डीजल महंगा होने का सीधा असर ट्रांसपोर्ट पर पड़ेगा। उन्हें कच्चा माल मंगाने और तैयार माल भेजने के लिए ज्यादा किराया देना पड़ेगा। कच्चा माल और महंगा जाएगा। तैयार माल की कीमत उनके लिए एकदम बढ़ाना आसान नहीं होगा। 

सरकार की तरफ से उद्योगपतियों को बिजली में राहत देने के लिए सी और डी कैटेगरी ब्लॉक के उद्योगों को 2 रुपए प्रति यूनिट सबसिडी दी जा रही है जबकि बी कैटेगरी ब्लॉक को इससे वंचित रखा गया है। इस कैटेगरी के उद्योगपति सरकार से लगातार सब्सिडी की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार की तरफ से इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाए गए हैं।

Rakhi Yadav