बिना नोटिस के हटाए गए सरकारी अस्पताल में कार्यरत कर्मचारी, जानिए क्या है मामला

5/30/2017 4:41:27 PM

फतेहाबाद(गौतम तारिफ):फतेहाबाद के सरकारी अस्पताल का नया टेंडर होते ही ठेकेदार ने 7 कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया है। कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि उन्हें नौकरी से हटाने से पहले किसी भी प्रकार का नोटिस भी नहीं दिया गया है। कर्मचारियों को हटाते ही उनके स्थान पर नए कर्मचारियों को भी रख लिया गया है। सिविल अस्पताल में बिना किसी मापदंड के कर्मचारियों को रखने पर सवाल उठने लगे हैं। कर्मचारियों को रखने व हटाने के लिए सरकार ने किसी भी प्रकार की गाइडलाइन जारी नहीं कर रखी है। 

वहीं दूसरी ओर जॉब के लिए कर्मचारी से 15 हजार रुपए मांगने का आडियो भी वायरल हो रहा है। जिसकी अभी तक पुष्टि नहीं हुई है। हटाए गए कर्मचारी काफी समय से काम कर रहे थे। कर्मचारी पिछले लंबे समय से सिविल अस्पताल व पॉलीक्लीनिक में काम कर रहे थे। कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें हटाने से पहले नोटिस तक जारी नहीं किया गया। शुक्रवार को जब नर्सिग सिस्टर के पास डयूटी लेने के लिए गए तो वहां से पता चला कि ठेकेदार की तरफ से जारी हुई सूची में नाम ही नहीं है। कर्मचारियों ने कहा कि ठेकेदार ने बेवजह से हटाया और इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री को शिकायत करेंगे। 

15 हजार रुपए मांगने का आरोप, आडियो वायरल
सिविल अस्पताल के एक कर्मचारी से जॉब के नाम पर 15 हजार रुपए मांगने का आडियो वायरल हो रहा है। जिसमें एक व्यक्ति जॉब का फार्म भरने के नाम पर 15 हजार रुपए मांग रहा है। व्यक्ति कर्मचारी को कह रहा है कि जॉब करनी है तो 15 हजार रुपए लेकर आ जा। व्यक्ति कर्मचारी को 15 हजार के साथ डेयरी के पास बुला रहा है। हालांकि अभी इस आडियो की पुष्टि नहीं हुई है।

कर्मचारी रखने व हटाने के लिए कोई मापदंड नहीं
सिविल अस्पताल में अनुबंध पर कर्मचारियों को रखने व हटाने के लिए कोई मापदंड नहीं है। ठेकेदार ही कर्मचारी को हटा देता है और वह ही नए कर्मचारी को रख लेता है। कर्मचारी को रखने के लिए न तो ठेकेदार उसकी शैक्षणिक योग्यता देखी जाती है और न ही कोई लिखित परीक्षा ली जाती है। ठेकेदार अपने स्तर पर ही कर्मचारियों को रखता है। बताया जा रहा है कि कर्मचारियों को रखने में काफी गोलमाल हो रहा है। यहां तक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की भी मिलीभगत है।

इस बारे मे सी.एम.ओ. अशोक चौधरी ने बताया कर्मचारियों को हटाने का हक सी.एम.ओ. के पास है। जो ठेकेदार की ओर से नौकरी के नाम पर पैसे लिए जाते है उसकी जांच उनकी ओर से की जाएगी। वहीं जो आडियो वायरल हुआ है उसकी जांच भी उनकी ओर से की जाएगी।