खाद्य उत्पादों को बेचने में डिजीटल प्लेटफार्म का इस्तेमाल करें उधमी: मनोहर लाल

9/16/2023 11:44:31 PM

सिरसा: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को अपने सिरसा प्रवास के दौरान लघु सचिवालय परिसर से ‘सी.एम. की विशेष चर्चा’ कार्यक्रम के अंतर्गत ऑडियो कांफ्रैंसिंग के माध्यम से फूड प्रोसेसिंग उद्योग से जुड़े लाभार्थियों से सीधा संवाद किया। विशेष बात यह है कि अपने इस साप्ताहिक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने लाभार्थियों से मिलने वाले सुझावों एवं समस्याओं को लेकर तत्काल विभगाीय अधिकारियों को निर्देश भी दिए। इसके बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में जनसंवाद कार्यक्रम में लोगों की समस्याओं को सुनते हुए उनका समाधान किया। विशेष बात यह है कि इस दौरान उन्होंने जिला में चल रही योजनाओं व परियोजनाओं की भी समीक्षा की। इस मौके पर सिरसा के विधायक गोपाल कांडा, भाजपा के जिला प्रभारी अमरपाल राणा, जिलाध्यक्ष आदित्य देवीलाल, वरिष्ठ भाजपा नेता जगदीश चोपड़ा, प्रदीप रातुसरिया, उपायुक्त पार्थ गुप्ता एवं पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण सहित पार्टी के अनेक पदाधिकारी व अधिकारी उपस्थित थे।

 खाद्य प्रसंस्करण कारोबार से जुड़े हैं हजारों लोग

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े लाभार्थियों से आग्रह करते हुए कहा कि वे वर्तमान दौर में अपने उत्पाद सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए डिजीटल मंच का अत्याधिक उपयोग करते हुए एक सफल उद्यमी के तौर पर स्वयं को स्थापित करें। उन्होंने कहा कि आज भारतीय इंडस्ट्री 4.0 के इस दौर में डिजीटल रिवोल्यूशन का चेहरा बनी हुई है। फूड प्रोसैसिंग में भी इसका कारगर उपयोग हो रहा है। विशेषकर उत्पादों को बेचने में डिजीटल प्लेटफार्म बहुत उपयोगी साबित हो रहे हैं। ज्यादातर उपभोक्ता कोई भी खाने पीने की चीज खरीदने के समय उसकी ऑनलाइन उपलब्धतता तलाश करते हैं। इसलिए फूड प्रोसैसिंग इंडस्ट्री से जुड़े सभी लोग भी डिजीटल मंच का उपयोग कर अपने उत्पाद सीधे ही उपभोक्ताओं को बेच सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज फूड प्रोसैसिंग इंडस्ट्री बड़ी तेजी से विकसित हो रही है।

 फूड प्रोसैसिंग उद्योग 3 वर्षों में बढक़र 35 लाख करोड़ रुपए तक होने की उम्मीद

आज बढ़ती जनसंख्या, बढ़ते शहरीकरण और स्वास्थ्य के प्रति सचेत उपभोक्ता के कारण उच्च कोटि के पदार्थों की मांग निरंतर बढ़ रही है। देश में वर्ष 2022 में फूड प्रोसैसिंग उद्योग 26 लाख करोड़ रुपए का था, जो अगले 3 वर्षों में बढक़र 35 लाख करोड़ रुपए तक होने की उम्मीद है। इसलिए इस उद्योग में निवेश व विकास की व्यापक संभावनाएं है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सभी उद्यमियों का कृषि प्रधान प्रदेश हरियाणा में फूड प्रोसैसिंग उद्योग को नए आयाम देने के  लिए धन्यवाद भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि फूड प्रोसैसिंग इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने उद्योग लगाकर न केवल हरियाणा के औद्योगिक क्षेत्र के विकास में, बल्कि रोजगार बढ़ाने सहित लाखों किसानों की आय बढ़ाने में भी योगदान दिया है।

 प्रदेश में फूड प्रोसैसिंग इकाइयों  की हुई स्थापना

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्तमान सरकार ने पिछले 9 वर्षों में प्रदेश में ऐसा माहौल बनाया है, जिसमें कारोबार करना आसान हो गया है, विभिन्न विभागों से अनुमति लेना सरल बना दिया गया है। हरियाणा कृषि व्यवसाय एवं खाद्य प्रसंस्करण नीति अधिसूचित करने के साथ-साथ, प्रदेश में फूड प्रोसैसिंग इकाइयों  की स्थापना के लिए अनेकों प्रकार की सब्सिडी एवं करोड़ों रुपए का सहायता अनुदान दिया जा रहा है। परिणामस्वरूप, हरियाणा में अब तक लगभग 28 हजार फूड प्रोसैसिंग यूनिट लग चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने फूड प्रोसैसिंग इंडस्ट्री के लाभार्थियों से सीधा संवाद करते हुए ऐसे सभी उद्यमियों से आग्रह किया कि वे एम.एस.एम.ई. का लाभ उठाकर अपने उद्योग को तेजी से आगे बढ़ाएं। साथ ही हरियाणा प्रदेश द्वारा उद्यम एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति का भी लाभ उठाएं।

उद्यम पंजीकरण पोर्टल पर 6 लाख 44 हजार 544 उद्यम पंजीकरण प्रमाणित

उन्होंने बताया कि हरियाणा में उद्यम पंजीकरण पोर्टल पर 6 लाख 44 हजार 544 उद्यम पंजीकरण प्रमाणित एम.एस.एम.ई. हैं। इनमें से 27 हजार 370 एम.एस.एम.ई. पंजीकृत हैं। फूड प्रोसैसिंग इकाइयों के रूप में एम. एस.एम.ई. पॉलिसी व एच.ई.ई.पी.- 2020 के तहत कुल 4860 इकाइयों ने विभिन्न लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन किए हैं। इनमें से 1501 इकाइयों को लाभ वितरित किए जा चुके हैं तथा 719 इकाइयों को लाभ देने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने फूड प्रोसैसिंग इंडस्ट्री के विकास हेतु अपने सुझाव सांझा करते हुए कहा कि फूड प्रोसैसिंग उत्पादों की गुणवत्ता विश्व स्तर के मानकों के अनुरूप होनी चाहिए ताकि हमारा उद्योग वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिक सके। साथ ही, फूड प्रोसैसिंग के दौरान कृत्रिम प्रिजर्वेटिव का न्यूनतम प्रयोग होना चाहिए। ऐसे उत्पाद तैयार करें, जिनमें चीनी, नमक व फैट कम से कम हो, क्योंकि स्वास्थ्य के प्रति सचेत उपभोक्ता ऐसे खाद्य पदार्थों की मांग कर रहे हैं। पैकिंग आकर्षक और सुरक्षित होनी चाहिए।

सीएम की विशेष चर्चा’ के 16 सितंबर तक करीब चार दर्जन कार्यक्रम हो चुके हैं

जनसंवाद कार्यक्रम के अलावा मुख्यमंत्री प्रत्येक शनिवार को ‘सी.एम. के साथ विशेष चर्चा’ के दौरान विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों से ऑडियो कांफ्रेसिंग के जरिए सीधे जुड़ते हैं और लाभार्थियों से योजनाओं का फीडबैक लेने के साथ-साथ उनकी समस्याओं का समाधान भी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री लाभार्थियों से उनकी ही भाषा में संवाद करते हैं और एक तरह से अपनेपन का अहसास करवाने की कोशिश रहती है। विशेष बात यह है कि इस साल 7 जनवरी को शुरू किया गया ‘सी.एम. की विशेष चर्चा’ के 16 सितंबर तक करीब चार दर्जन कार्यक्रम हो चुके हैं और अब तक इस कार्यक्रम के जरिए साढ़े 3 लाख से अधिक लाभार्थी मुख्यमंत्री के साथ सीधे जुड़ चुके हैं।  विशेष बात यह है कि इस कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री के साथ संबंधित विभाग के अधिकारी एवं विभिन्न जिलों के आला अधिकारी भी जुड़ते हैं। इस कार्यक्रम के जरिए न केवल मुख्यमंत्री किसी एक विषय के लाभाथर््िायों से सुझाव लेते हैं, बल्कि उन सुझावों की समीक्षा करवाकर असरकार तरीके से लागू भी करवाते हैं। लाभार्थियों की समस्याओं को जानते हुए तत्काल विभागीय अधिकारियों को निर्देश देते हैं और इस कार्यक्रम के सकारात्मक परिणाम भी सामने आने लगे हैं।

भारतीय जनता पार्टी के हर कार्यकत्र्ता के मन में सेवा का भाव है सर्वोपरि: मुख्यमंत्री

सी.एम. के साथ विशेष चर्चा कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने देर शाम को चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में जनसंवाद कार्यक्रम में लोगों की समस्याएं सुनीं। इस दौरान उन्होंने अहदमपुर में बिजलीघर सहित कई परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के हर कार्यकत्र्ता के मन में सेवा का भाव सर्वोपरि होता है और नागरिकों से सीधा जनसंवाद कर हम उनकी समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र समाधान करने की दिशा में आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान बहनों-बेटियों के स्वयं सहायता समूह द्वारा निर्मित स्वदेशी उत्पादों की प्रदर्शनी देखना एक अनूठा अनुभव रहा।

सिरसा शहर की गलियों का करवाया जाएगा सर्वे

हरियाणा के मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने शनिवार को सिरसा में अपने जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान कहा कि सिरसा शहर की गलियों का सर्वे करवाया जाएगा और अतिरिक्त उपायुक्त की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय कमेटी सर्वे का काम करेगी और 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री के समक्ष सिरसा शहर में पानी की सप्लाई और सीवरेज डालने के उपरांत गली के खराब होने की शिकायत आई थी। इस पर मुख्यमंत्री ने कड़ा संज्ञान लिया और सर्वे के लिए कमेटी बनाने के आदेश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिरसा जिला में पेयजल व्यवस्था को मजबूत करने और पानी निकासी के लिए सीवरेज को दुरुस्त करने पर करोड़ों रुपए की राशि खर्च की गई है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए स्वदेशी उत्पादों के स्टॉल का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने रेडक्रॉस द्वारा दिव्यांग लोगों को ट्राइसाइकिल भी वितरित की।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि गरीब लोगों के उपचार के लिए आयुष्मान भारत योजना लागू की गई है, जिसके तहत गरीब लोगों को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मुहैया हो रहा है। सिरसा शहर में इस योजना के तहत 39 हजार 840 कार्ड बनाए जा चुके हैं और 3996 लोगों का उपचार किया गया है, उनके इलाज पर 11 करोड़ 26 लाख रुपए खर्च हुए हैं, जो सरकार ने वहन किए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत लोगों के इलाज पर प्रदेश में 700 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। एक लाख 80 हजार रुपए सालाना आय वाले परिवारों को इसमें शामिल किया गया है।

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Content Editor

Ajay Kumar Sharma