वैश्विक बदलाव में उद्यमशीलता देश के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है: राज्यपाल

8/20/2021 5:38:42 PM

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि तीव्रता से हो रहे वैश्विक बदलाव में उद्यमशीलता देश के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती है। देश में उद्यमियों को और अधिक प्रोत्साहित करने से कौशलता को और अधिक बढ़ावा दिया जा सकता है, जिससे देश के समग्र विकास को नए पंख लगेंगे।

विश्व उद्यमी दिवस के अवसर पर जारी अपने संदेश में दत्तात्रेय ने युवाओं व आमजन से अपील की है कि वे देश में उद्यमिता क्षेत्र में शुरू हुए कार्यक्रमों का भरपूर लाभ उठाएं। देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्किल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया और मेक इन इंडिया जैसी कई नई पहल शुरू की है, जिनसे भारत को उद्यमी केन्द्र के रूप में बदलने का लिए मैदान तैयार हुआ है। यह देश में बेरोजगारी की चुनौती को कम करने में एक मील का पत्थर साबित होगा।

उन्होंने कहा कि देश में 50,000 से अधिक स्टार्टअप के माध्यम से 5.7 लाख से अधिक नौकरियों का सृजन किया है। इस योजना को और अधिक प्रभावी व सरल बनाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा 1200 से भी अधिक निर्रथक कानूनों को समाप्त किया गया है, विकसित क्षेत्रों में प्रत्यक्ष निवेश के लिए 87 नियमों में ढील दी गई है और सभी सरकारी प्रक्रियाओं को ऑनलाइन किया गया है। विश्व की ‘‘इज ऑफ डूइंग बिजनेस‘‘ में भारत की रेंकिंग में पिछले सात वर्षों में 142 से 60 तक उछाल आना इसी का नतीजा है।

उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (एनईपी-2020) में आठवीं कक्षा से ही स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा व व्यावहारिक शिक्षा पर काफी जोर दिया गया है। बच्चों को स्कूल स्तर से ही कुशल बनाने की सख्त आवश्यकता है ताकि 12वीं की शिक्षा पूरी करने के बाद उनके पास नौकरी पाने या आत्म-निर्भर होने का कौशल हो। इससे उनकी रोजगार की राह आसान होगी। दुनिया की सबसे युवा आबादी भारत में ही है। यहां कुल आबादी में 65 प्रतिशत युवा हैं। इन युवाओं को कुशल और अर्ध-कुशल बनाना आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। वर्तमान में आवश्यकता के अनुसार कुशल नागरिक पैदा करने में राष्ट्रीय शिक्षा नीति निश्चित रूप से प्रभावी सिद्ध होगी।

उन्होंने सभी विश्वविद्यालयों व शिक्षण संस्थानों से अपील की है कि वे अपने संस्थानों में इन्क्यूबेशन सैन्टर स्थापित करें। इन सेंटरों में रचनात्मक कौशलता के साथ-साथ युवाओं को रोजगार के लिए मार्गदर्शन भी मिलेगा, जिससे देश में उद्यमिता के क्षेत्र में और विकास होगा।
 

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Content Writer

Shivam