प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए EPCA का फैसला, सर्दियों में पटाखों पर पूरी तरह बैन

11/1/2019 3:52:44 PM

डेस्कः दिवाली के बाद से हरियाणा के हवा की गुणवत्ता लगातार खराब हो रही है। हालात आपात जैसे हो रहे हैं। हवा की गुणवत्ता इतनी खराब हो चुकी है कि समूचा प्रदेश गैस चैंबर बनने की ओर बढ़ रहा है।
देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित 20 शहरों में प्रदेश के 12 शहर शामिल हैं। यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 350 से 475 के बीच दर्ज किया गया।  हरियाणा और दिल्ली में पूरे दिन स्मॉग की घनी चादर छाई रही। उत्तर प्रदेश के मेरठ से लेकर हरियाणा के भिवाड़ी तक हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ स्तर पर बनी हुई है। स्मॉग से गुरुवार को भी राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।

शहरवासियो को खतरे में देख पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण (EPCA) Environmental Pollution (Prevention and Control) Authority ने दिशा-निर्देष दिए है जिसके तहत फरीदाबाद, गुड़गांव, गाजियाबाद, नोयडा, दिल्ली में 5 नवंबर तक पूर्ण तौर पर फैक्टरीयां बंद रहेगी। होट मिक्स प्लांट, स्टौन क्रशर के काम पर भी पूर्ण रूप से रोक लगा दी गई है। वहीं सर्दियो मे पटाखो चलाने पर भी पूरी तरह से बैन कर दिया गया है। 


पराली जलाने के मामले घटे, शुक्रवार को सुधर सकती है हवा
पिछले 24 घंटों में हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने के मामलों में कमी आई है। मंगलवार को 2577 की तुलना में बुधवार को 1057 मामले पराली जलाने के दर्ज किए गए। गुरुवार को दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं के हिस्से में आठ फीसदी की गिरावट आएगी। वहीं, दोपहर बाद से सतह पर हवा की चाल में भी थोड़ा इजाफा होगा। इससे हवा की गुणवत्ता में थोड़ा सुधार होगा, जिसका असर शुक्रवार को दिख सकता है।

48 घंटे में नहीं बदले हालात तो उठाए जाएंगे कई कदम
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, रात साढ़े बारह बजे समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक 582 पर पहुंच गया। अधिकारी ने बताया कि यदि वायु गुणवत्ता 48 घंटे से अधिक अवधि तक ‘बेहद गंभीर' श्रेणी में बनी रहती है तो ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान के तहत आपात उपाय किए जाते हैं। 

  • ऑड-ईवन योजना
  • ट्रकों के प्रवेश पर रोक
  • निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध
  • स्कूल बंद करना आदि।

 

Isha