करोड़ों रुपए की लाइटें भी नहीं कर सकी शहर को रोशन, छाया रहता है अंधेरा

4/10/2021 2:34:48 PM

रेवाड़ी (महेंद्र भारती): नगर परिषद अधिकारियों के कुप्रबंधन के चलते 5.42 करोड रुपए की लागत से 31 वार्डों में लगाई गई 10428 लाइटें भी शहर को रोशन नहीं कर सकी। इसका बड़ा कारण नगर परिषद की अनदेखी व ठेकेदारों की लापरवाही है। नियम अनुसार 18 से 24 मीटर चौड़ी रोड पर 90 वाट व चौड़ी सड़कों पर 24 से 45 वाट की एलइडी लाइट लगाई जानी थी, लेकिन कर्मचारियों ने जहां एक की जरूरत थी वहां चार लगा दी और कहीं पर एक भी नहीं लगाई। इसके चलते शहर के अनेक हिस्सों में अंधेरा छाया रहता है। 

आरोप लगाए जा रहे हैं कि रसूखदार लोगों के घरों के आसपास नियमों को दरकिनार कर लाइट लगा दी गई है। शहर के सबसे बड़े हिस्से सेक्टर 4 में स्थिति ज्यादा खराब भी है, वहीं आकर शॉपिंग कंपलेक्स, हुड्डा डिस्पेंसरी में पोशवाल चौक से लेकर सैनिक स्कूल तक इक्का दुक्का लाइट होने के चलते अंधेरा छाया रहता है। वहीं रेवाड़ी शहर के वार्ड नंबर 19 में सबसे ज्यादा 567 लाइटें लगी है। 



5 साल में रखरखाव पर 1.73 करोड़ खर्च किए हैं। नगर परिषद की और से शहर में पुरानी लाइटों के रखरखाव पर भी वर्ष 2014 से लेकर 2019 तक 1.75 लाख रुपए खर्च की हैं। लेकिन इस तरह के हालात पुराने समय से ही हैं। पुरानी लाइट को बदल कर ही नई एलईडी लाइट लगाने का ठेका दिया गया था, लेकिन बेहतरीन काम होने के चलते जरूरत के मुताबिक हालात सुधर नहीं सकते हैं।

आरटीआई कार्यकर्ता साकेत धींगरा ने बताया कि नगर परिषद ने मनमाने तरीके से शहर में लाइट लगाई हैं। इसके चलते अनेक गलियों में अंधेरा रहता है। पुरानी लाइट किस कीमत पर दी गई, इसकी जानकारी भी नहीं दी गई। अब इस पूरे मामले की जांच की जानी चाहिए। ताकि दूध का दूध और पानी का पानी होकर शहर की जनता के सामने आ सके और इन घोटाले बाजों के कारनामें जनता के सामने आएं।
 

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Content Writer

vinod kumar