रोडवेज की हर बस में होगा जीपीएस सिस्टम और पैनिक बटन, दबाते ही PCR वैन करेगी काम: कपूर

11/27/2020 11:06:18 PM

चंडीगढ़ (धरणी): प्रदेश में खराब माली हालत से गुजर रहे बिजली विभाग को सुधारने के बाद अब प्रदेश सरकार ने आईपीएस अधिकारी शत्रु जीत कपूर को परिवहन विभाग की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें परिवहन विभाग के प्रधान सचिव बनाया गया है। आने वाले समय में उनके द्वारा विभाग में किस प्रकार से बदलाव किए जाएंगे। इस बात की जानकारी लेने के लिए पंजाब केसरी ने उनसे विशेष मुलाकात की।

उनसे बातचीत के कुछ अंश-
प्रश्न:-
परिवहन विभाग के रूप में नई चुनौती मिली है इसमें भी बिजली विभाग की तरह आर्थिक संकट है आप की क्या तैयारियां हैं?
उत्तर:- ट्रांसपोर्ट हर व्यक्ति की मौलिक जरूरत है। आर्थिक संकट से पहले हमारी प्राथमिकता प्रदेश की ढाई करोड़ जनता को सुविधाएं देने की है। हरियाणा रोडवेज की गुणवत्ता पूरे देश में काफी बेहतर है, लेकिन इसमें और भी सुधार हमें करना है। साथ ही लाइसेंसिंग विभाग, रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी में भी काफी बदलाव किए जाने की हमारी सोच है। ड्राइविंग लाइसेंस दलालों के माध्यम की बजाय मेरिट आधार पर दिए जाएंगे। व्हीकल रजिस्ट्रेशन में जो दिक्कतें लोगों को आती हैं, इसमें टेक्नोलॉजी के प्रवेश से बेहतर साफ-सुथरा और फेसलेस और कैशलेस करने की हमारी प्राथमिकता रहेगी।

प्रश्न:- बस अड्डों पर बैठने की सफाई को लेकर आप की क्या सोच है?
उत्तर:- बस अड्डा गरीब आदमी के लिए हवाई अड्डा है और ऐसा कोई कारण नहीं कि हम सुविधा हवाई अड्डों के मुकाबले ना दे सकें। बैठने की व्यवस्था और सभी सुविधाएं हाई लेवल की होनी चाहिए और जिले लेवल के बस अड्डों पर तो हमारी खास नजर रहेगी।

प्रश्न:- कोरोना काल के बाद अब कितनी बसें सड़कों पर हैं और क्या अंतरराज्यीय बसें सभी शुरू हो चुकी हैं?
उत्तर:- आज हमारी 25 सौ बसें सड़कों पर चल रही हैं, जिसमें 21 सौ हमारी और किलोमीटर स्कीम के तहत लगभग 2500 हैं। बकाया बसें जैसेे ही कोरोना कम होगा सड़कों पर लाई जाएंगी। किलोमीटर स्कीम और समितियों की बसों को मिलाकर करीब 5000 बसें सड़कों पर आ जाएंगी।

प्रश्न:- हरियाणा की वोल्वो बस सेवा वीडियो बस सेवा पूरे विश्व में पहचान थी अब लुप्त होने की कगार पर है, कितनी बड़ी चुनौती मानते हैं इसे ?
उत्तर:- वोल्वो की सेवा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए 18 मर्सीडीज बेंज बसें खरीदी गई हैं जो कि बेड़े में आ चुकी हैं और भी कुुछ बसों का कर दिया गया है। परिस्थितियांंं ठीक होते ही बेड़े मे शामिल की जाएंगी। वोल्वो हमारा ब्रांड है और उसमें भी सुधार करना हमारी प्राथमिकता रहेगी।

प्रश्न:- लोकल रूट पर चार पहिया वाहन भी बहुत ज्यादा चलते हैं उन पर रोक के लिए क्या तैयारी है?
उत्तर:- जहां रेगुलर बस सेवा नहीं है। वहां इनका ज्यादा प्रभाव है। वहां के लिए हमने दोनों तरफ से काम शुरू किया है। एक तरफ तो अपने वाहनों का विस्तार करना है और दूसरा अवैध वाहनों को भी रोकना है। कोई भी यात्री ऐसा नहीं होगा कि रोडवेज के रहते इन वाहनों में चलना चाहे।

प्रश्न:- जीपीएस सिस्टम का इस्तेमाल भी क्या बसों में किए जाने की कोई योजना है?
उत्तर:- केवल रोडवेज में नहीं बल्कि प्राइवेट व्हीकल टैक्सी या दूसरे वाहन उन सबके लिए कानून में बदलाव आ चुका है। कानून में प्रावधान हो गया है कि उसमें जीपीएस लगाया जाए साथ ही एमरजेंसी के लिए एक पैनिक बटन होगा, जो कि इमरजेंसी के समय कोई भी यात्री बटन दबाएगा तो उसकी स्पीड पुलिस कंट्रोल रूम में जाएगी और पीसीआर वैन अपनी कार्यवाही करेगी। हमने इस पर काम शुरू करना कर दिया है। इसी प्रकार से जीपीएस और पैनिक बटन बसों में भी होंगे और कागज की टिकटों को बदलकर इलेक्ट्रॉनिक टिकटों पर भी 31 मार्च 2021 तक लाने का हमारा प्रयास है।

Shivam