हरियाणा में हर दिन हुई 13 लोगों की सड़क हादसों में मौत, प्रतिवर्ष 20% कमी लाने के लिए सरकार ने अपनाई 15 सूत्री रणनीति

12/17/2022 11:53:50 AM

स्पैशल डेस्क : हरियाणा में इस साल नवंबर तक विभिन्न स्थानों पर 9,951 दुर्घटनाएं हुई जिनमें 4,516 लोगों की मौत हुई और 8.500 घायल हुए। ये घटनाएं अ अम्बाला सोनीपत पर हुई हैं। चंडीगढ़ में हुई राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक से ये जानकारी सामने आई है। अगर उपरोक्त आंकड़ों को आधार बनाएं तो हर दिन प्रदेश में कम से कम 13 लोगों ने सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवाई है। सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए प्रदेश सरकार ने 15 सूत्री रणनी अपनाने का निर्णय लिया है। इस रणनीति से प्रतिवर्ष सड़क दुर्घटनाओं में 20% कमी आने की उम्मीद है।

गौरतलब है कि गुरुवार को राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक चंडीगढ़ में हरियाणा परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा की अध्यक्षता में हुई। इनकी जानकारी में लाया गया कि अधिकतर सड़क दुर्घटनाएं एनएच- 1 (44) अम्बाला से सोनीपत मार्ग पर हो रही हैं। परिषद ने नैशनल हाईवे अथारिटी ऑफ इंडिया को इस मार्ग पर एक सड़क सुरक्षा ऑडिट करने को कहा है। ढाबा और पैट्रोल संचालकों पर होगी कार्रवाई काऊंसिल की बैठक में ये भी निर्णय लिया गया कि अगर ढाबा और पैट्रोल पंप संचालकों द्वारा अवैध तरीके से सड़क और हाईवे में कट लगाया है, तो उनके खिलाफ पुलिस केस रजिस्टर करे। परिवहन विभाग के प्रिंसिपल सैक्रेटरी नवदीप विर्क ने बताया कि दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए हर जिले में रोड सैफ्टी एसोसिएट की नियुक्ति भी अनुबंध के आधार पर की जाएगी। बताया जा रहा है कि सड़क और हाईवे के किनारे बड़ी संख्या में शराब के अवैध ठेके भी खुल गए हैं। इसलिए आबकारी विभाग प्रदेश के सभी जिलों में हाईवे और सड़क किनारे खुले इन ढाबों की जांच करेगा।

पुलिस ने किए 18 लाख चालान

इंस्पैक्टर जनरल (ट्रैफिक) हरदीप दून ने काऊंसिल को बताया कि इस साल नवंबर तक ट्रैफिक नियमों का पालन न करने पर 18 लाख चालान जारी किए गए हैं। इसके अलावा 1.27 लाख चालान तेज गति से गाड़ी चलाने पर किए गए हैं। परिवहन मंत्री ने विभाग की निर्देश दिए हैं कि तुरंत प्रभाव से रिफलेक्टर और रिफलैक्टिंग टेप्स को वाहनों पर लगाया जाए ताकि सड़क दुर्घटनाओं से बचा जा सके। परिवहन विभाग के अलावा, पुलिस, हैल्थ, एन.एच.ए.आई., पी.डब्ल्यू.डी., एच.एस.आई.डी.सी. और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के नोडल ऑफिसर सड़क सुरक्षा योजना पर प्रदेश और जिला स्तर पर काम करेंगे।

भारत में गई 1.55 लाख लोगों की जान

नैशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो को डाटा के तहत एक्सीडैंटल डैथ एंड सुसाइड्स-2021 के मुताबिक 1.55 लाख से ज्यादा लोगों ने भारत में गत वर्ष सड़क दुर्घटना में जान गंवाई। इस आंकड़े को आधार मानें तो हर दिन 426 लोगों की जान गई, यानि हर घंटे 18 लोगों की मौत हुई। ये अब तक का किसी भी कैलेंडर ईयर में सबसे ज्यादा आंकड़ा है। इसके अलावा 4.03 लाख सड़क दुर्घटनाओं में 3.71 लाख लोग घायल हुए। वर्ष 2021 में मौत की दर प्रति हजार वाहनों पर 0.53 थी जो वर्ष 2020 की 0.45, 2019 की 0.52, 2018 की मौत की दर की तुलना में कहीं अधिक थी। वर्ष 2018 में भारत में 4.45 लाख सड़क दुर्घटनाएं हुई जिनमें 1.52 लाख लोगों ने अपनी जान गंवाई। वहीं 4.46 लाख लोग घायल हुए। 

15 सूत्री रणनीति के ये हैं 10 प्रमुख बिंदू

  • सरकार की योजना है कि सड़क दुर्घटना के संभावित जगहों पर स्पीड ब्रेकर /रंखल स्ट्रिप्स, साइन बोर्ड, रोड मार्किंग, केट आईस, डेलिनेटर लगाएं जाएंगे और सभी ब्लैक स्पॉट को 31 मार्च, 2023 तक ठीक कर लिया जाएगा।
  • सभी सींगों वाले पशुओं, ट्रैक्टर ट्रॉली और अन्य वाहनों पर रिफ्लेक्टर व रिफ्लेक्टिव टेप्स लगाई जाएंगी।
  • नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया एनएच-1 (44) का अम्बाला से सोनीपत मार्ग का सुरक्षा ऑडिट करेगा।
  • प्रदेश के सभी जिलो में अनुबंध पर रोड सेफ्टी एसोसिएट्स की नियुक्तियां की जाएगी।
  • सभी सड़क बनाने वाले विभाग या एजेंसियां अपनी बनाई सड़क और हाईवे का सड़क सुरक्षा ओडिट कराएगी और इसकी रिपोर्ट संबधित विभाग या एजेंसी को सौंपेंगी।
  • सड़क और हाईवे पर बने अवैध कट्स बनाने पर पुलिस केस दर्ज होगा।
  • हाईवे और सड़क पर बने अवैध शराब के ठेकों का आबकारी विभाग निरीक्षण करेगा।
  • 213 ब्लैक स्पॉट्स की पहचान कर ली गई है. इन्हें दूर किया आएगा।
  • सड़क सुरक्षा के लिए सड़क सुरक्षा समितियों की 1.75 बैठके हो चुकी है। आगे की रणनीति बनाने के लिए भी होंगी।
  • एनएचएआई के टोल फ्री नंबर 1033 और पुलिस के टोल फ्री नंबर 1073 को हेल्पलाइन नंबर 112 से जोड़ने के निर्देश भी दिए गए है।

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Content Writer

Manisha rana