प्रदेश की जेलों में जरूरत से ज्यादा कैदी, तलाशी अभियान के दौरान भी आती है पेरशानी

8/25/2019 12:57:27 PM

हरियाणा : मानवाधिकार संस्था कॉमनवैल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव (सी.एच.आर.आई.) के एक अध्ययन से पता चला है कि हरियाणा की जेलों में आवश्यकता से अधिक कैदी हैं,जिसमें रेवाड़ी जेल में निर्धारित संख्या से तकरीबन दोगुनी संख्या में कैदी मौजूद हैं। सी.एच.आर.आई.  ने हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में यह अध्ययन किया।

अध्ययन में महिला कैदियों को होने वाली समस्याओं मसलन तलाशी अभियान दौरान अपमानित करने जैसी बातों की ओर ध्यान आकृष्ट किया गया है। बहरहाल,यह स्पष्ट किया गया है कि राज्य के कैदियों की गंदी,मलिन और नारकीय स्थिति नहीं है। ऐसा पाया गया है कि जेलों में आधारभूत ढांचे, देखभाल और सफाई के इंतजाम हैं।

रेवाड़ी जेल में 170 प्रतिशत अधिक कैदी 
‘इनसाइड हरियाणा प्रिजन’ नाम से अध्ययन में पाया गया कि पानीपत जेल में कैदियों संख्या 22.8 प्रतिशत, जबकि रेवाड़ी जेल में यह 170 प्रतिशत अधिक है। टीम ने अध्ययन के लिए दिसंबर 2017 और मई 2018 के बीच 475 कैदियों,विधिक सेवा संस्थानों के प्रतिनिधियों व जेल अधिकारियों से बातचीत की गई। इनमें महिला कैदियों की संख्या 93,विचाराधीन कैदियों की संख्या 192,122 पुरुष कैदी, 39 नाबालिग कैदी और 29 विदेशी नागरिक हैं। राज्य की 19 जेलों में कुल 19,000 कैदी हैं जिनमें अंबाला में एक और हिसार में 2 केंद्रीय कारागार हैं। अन्य 16 जिला जेल हैं। टीम ने इन सभी जेलों में जांच की। 
अध्ययन में पता चला कि अंबाला, हिसार,रेवाड़ी, कुरुक्षेत्र, कैथल, सिरसा, जींद, पानीपत, नारनौल और भिवानी जेलों में निर्धारित संख्या कैदियों की संख्या अत्यधिक थी।

तलाशी दौरान अपमानित करने के आरोप
अध्ययन में यह भी कहा गया कि कैदियों की तलाशी दौरान उनकी सुरक्षा एवं गरिमा को बनाए रखने हेतु कोई दिशा-निर्देश नहीं हैं। एक जेल में कुछ महिला कैदियों ने नशीला पदार्थ एवं मोबाइल फोन जब्त करने के लिए होने वाले औचक निरीक्षण दौरान उन्हें पेश आने वाली असुविधा का जिक्र किया। गुरुग्राम की जेल में महिला कैदियों ने टीम को शिकायत की कि मोबाइल फोन और नशीला पदार्थ जब्त करने के लिए होने वाले तलाशी अभियान दौरान उन्हें अपमानित किया जाता है।

Isha