पॉक्सो के झूठे केस में फंसा कर फिरौती मांगने वाले गैंग का भंडाफोड़, महिला वकील, पति व एक अन्य सहित गिरफ्तार

punjabkesari.in Friday, Nov 07, 2025 - 06:07 PM (IST)

गुड़गांव, (ब्यूरो): पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज कराकर व्यक्ति से फिरौती मांगने वाले गैंग का गुड़गांव पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने मामले में महिला वकील, उसके पति सहित एक अन्य को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान गीतिका, उसके पति हर्ष व हनुमान के रूप में हुई है। यह तीनों मिलकर गुड़गांव में उन लोगों काे निशाना बनाते थे जिनका अपनी पत्नी के साथ मेरिटियल डिस्प्यूट चल रहा हो।

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आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने एक करोड़ 14 लाख रुपए नकद, 2 करोड़ 88 लाख रुपए की ज्वेलरी, सहित 10 मोबाइल, 11 सिम, लैपटॉप, हार्ड डिस्क, प्रॉपर्टी पेपर सहित अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं। आरोपियों को अदालत में पेश किया गया जहां से हनुमान को 5 दिन के रिमांड पर लिया गया है जबकि आरोपी गीतिका और हर्ष को 10-10 दिन के रिमांड पर लिया गया है। मामले में पुलिस ने भारी मात्रा में नकदी व गहने बरामद होने पर आयकर विभाग को भी मौके पर बुला लिया और जांच शुरू की गई। 

 

डीसीपी साउथ हितेश यादव ने बताया कि 29 अक्टूबर को सेक्टर-65 थाना पुलिस को पॉक्सो एक्ट के तहत एक शिकायत प्राप्त हुई थी। इसमें एक व्यक्ति पर नाबालिग से रेप करने का आरोप लगाया गया था। मामले में पुलिस ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर लिया और मामले की जांच शुरू कर दी।

 

शिकायत थाने में आते ही पुलिस को हो गया था शिकायतकर्ता पर शक

डीसीपी हितेश यादव ने बताया कि जब शिकायतकर्ता अपनी शिकायत लेकर सेक्टर-65 थाने में गया था तो उस वक्त ही पुलिस को शिकायतकर्ता पर शक हो गया था। उसकी भाषा राजस्थानी थी जबकि उसने पुलिस के समक्ष जो आईडी पेश की वह उत्तर प्रदेश के फर्रूखाबाद की थी। इस बारे में थाना प्रभारी ने डीसीपी को बताया कि प्रारंभिक तौर पर पता लगा कि जिस स्थान पर वारदात का जिक्र हुआ वहां से आरोपी पिछले करीब एक सप्ताह से गुजरता है। इतना ही नहीं उसका अपनी पत्नी से मेरिटियल डिस्प्यूट भी चल रहा था। आईडी कार्ड और फोटाे दोनों में ही काफी फर्क पुलिस को मिला जिसके बाद पुलिस का शक और गहरा गया और पुलिस ने आरोपी पर कार्रवाई करने से पहले शिकायतकर्ता की ही जांच शुरू की।

 

शिकायतकर्ता का नंबर मिला फिरौती में प्रयोग

मामले की जांच के दौरान पाया गया कि पॉक्सो की शिकायत देने आए शिकायतकर्ता हनुमान ने अपनी पहचान छिपाने का प्रयास किया। वह सड़क किनारे रहकर गुब्बारे और खिलौने बेचने का काम करता है। शिकायत में दिए गए नंबर और नाम की जांच की गई तो पता लगा कि शिकायतकर्ता हनुमान ने खुद को फर्रूखाबाद उत्तर प्रदेश का बताते हुए जो आईडी दी है वह फर्जी है। असल में वह राजस्थान के अजमेर का रहने वाला है। इस पर एक टीम को अजमेर भेज दिया गया और मामले की जांच को आगे बढ़ाया। जांच के दौरान सामने आया कि हनुमान ने पॉक्सो एक्ट के लिए जो शिकायत पुलिस को दी है उसमें जो अपना मोबाइल नंबर दिया है उसके खिलाफ पहले पुलिस के पास फिरौती मांगने की शिकायत आ चुकी है। वहीं, जांच के दौरान यह भी पता लगा कि हनुमान साल 2011 में एक चोरी के मामले में भी संलिप्त रहा है। जांच के लिए पुलिस ने जेल प्रशासन से संपर्क किया तो कई अन्य मोबाइल नंबर भी मिले जिसकी जांच के दौरान 100 से ज्यादा आईएमईआई नंबर मिले जिनकी डिटेल निकालकर जांच शुरू की गई। जांच करते हुए सामने आया कि एक गुब्बारे, खिलौने बेचने वाले की आड़ में एक काफी बड़ा षड़यंत्र रचा गया है। पूरे षड़यंत्र के पीछे गीतिका और उसके पति हर्ष की सीधे तौर पर संलिप्तता है।

 

गीतिका ने अभी शुरू की थी वकालत, पति करता है बेकरी सामान सप्लाई का काम

गीतिका ने मेरठ की यूनिवर्सिटी से 2023 में लॉ की और 2024 में प्रेक्टिस शुरू की। इसके बाद उसने मेरिटियल डिस्प्यूट के केस लड़ने शुरू किए। गीतिका का मानना था कि इस तरह के केस में ज्यादा मेहनत नहीं होती और यहां से वह अच्छी आय कमा सकते हैं। वहीं, हर्ष बेकरी का सामान सप्लाई करता था। 2023 में हनुमान अपनी पत्नी के पास भूतेश्वर मंदिर के पास रहकर काम करता था। हर्ष वहां हनुमान से मिलता रहा और उसकी पूरी जानकारी हासिल की और उसने हनुमान को फ्रंट पर यूज करने की पूरी योजना बनाई। 

 

एआई के उपयोग से जुड़ी कड़ी से कड़ी

डीसीपी हितेश यादव ने बताया कि इस मामले की जांच में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग भी किया गया। 100 से ज्यादा नंबरों की जांच करने के लिए एक सॉफ्टवेयर को तैयार कराया गया ताकि जांच के दौरान कोई भी गलती न हो। इसके बाद पुलिस ने कड़ी से कड़ी जोड़ी और इस पूरे प्रकरण का भंडाफोड़ किया है।

 

लैपटॉप में मिले पॉक्सो शिकायत के सबूत

इस मामले में तीन आरोपियों अजमेर निवासी हनुमान, गीतिका व उनके पति हर्ष कुमार को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया गया है जिनसे पूछताछ की जा रही है। प्रारंभिक जांच के दौरान यह भी सामने आया कि यह दोनों किसी भी शिकायत को देने से पहले खुद लिखते थे और पुलिस को देने से पहले यह हनुमान से उसकी राइटिंग में लिखवाते थे ताकि पुलिस को उन पर कोई शक न हो। सर्च के दौरान जब उन्होंने आरोपियों के लैपटॉप चालू किए तो उसमें पुलिस को दी गई शिकायत के ड्राफ्ट भी मिले। 

 

पहले पति की और बाद में पत्नी की बनती थी वकील

डीसीपी साउथ हितेश यादव ने बताया कि जांच के दौरान सामने आया कि एडवोकेट गीतिका मेरिटियल डिस्प्यूट के केस लड़ती हैं। पहले वह पति की और बाद में पत्नी की वकील बनती हैं और इस दौरान वह दोनों की ही फाइनेंशियल पॉजिशन की जानकारी हांसिल करके पति के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई करवाती हैं। ऐसा ही एक केस पुलिस ने जांच में पकड़ा और उसे शुरूआती दौर पर ही कैंसिल कर दिया था। साल 2024 में गीतिका के क्लाइंट के खिलाफ उसकी पत्नी ने पॉक्सो एक्ट का मामला दर्ज कराया था और जिस रेफरेंस से उन्हें यह वकील मिली थी उसने गीतिका के खिलाफ एक्सटोरशन का मामला भी दर्ज कराया था। उन्होंने पुलिस को बताया था कि किस तरह से गीतिका ने उनके और उनकी पत्नी के बीच मैट्रिमोनियल डिस्प्यूट बना दिए और उन्हें धमकी दी जा रही हैं। अज्ञात नंबरों से कॉल कराकर रुपयों की मांग करते हुए केस सेटल कराने का दबाव बनाया गया। जांच के दौरान यह भी सामने आया कि गुब्बारे खिलौने बेचने वाले हनुमान की पत्नी के माध्यम से फरीदाबाद में भी इस तरह का एक केस दर्ज होना पाया गया। मामले में फरीदाबाद पुलिस ने भी केस रद्द करने की सिफारिश कोर्ट से की हुई है। 

 

18 घंटे तक चला सर्च ऑपरेशन, करोड़ों नकदी व करोड़ाे के गहने बरामद

डीसीपी हितेश यादव ने बताया कि मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी 72 घंटे से लगातार बिना सोए काम कर रही है। इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कोर्ट से सर्च वारंट लेकर ड्यूटी मजिस्ट्रेट व दो सरकारी कर्मचारियों को बतौर गवाह नियुक्त कराते हुए आगामी कार्रवाई की गई और जांच के लिए एसआईटी गठित की गई। इसके बाद टीम ने टाटा प्रिमंती सोसाइटी में आरोपी गीतिका और हर्ष के घर पर रेड की गई। सर्च ऑपरेशन के दौरान पुलिस को एक करोड़ 14 लाख रुपए से ज्यादा कैश मिला जिसकी काउंटिंग के लिए बैंक कर्मचारियों को बुलाया गया और इनकम टैक्स अधिकारियों को बुलाया गया। इसके साथ ही टीम ने यहां गोल्ड बरामद किया गया जिसकी कीमत करीब 2 करोड़ 88 लाख रुपए आंकी गई। यह पूरी कार्रवाई वीडियो रिकॉर्डिंग में हुई। 

 

फर्जी दस्तावेज भी किए जाते थे तैयार

डीसीपी के मुताबिक, सर्च ऑपरेशन के दौरान यहां से पुलिस ने 10 से ज्यादा मोबाइल 11 सिम बरामद की गई हैं। इसके अलावा पुलिस को यहां से कई पासपोर्ट, आधार कार्ड बरामद किए गए हैं जो परिवार के सदस्यों से संबंधित नहीं है। डीसीपी ने बताया कि उन्हें पहले ही सूचना थी कि इन लोगों द्वारा फर्जी दस्तावेज भी तैयार किए जाते हैं। ऐसे में यहां से बरामद आधार कार्ड और पासपोर्ट को कब्जे में लेकर जांच के लिए भेज दिया गया है। इनके पास से पुलिस ने 10 बैंक अकाउंट की डिटेल बरामद की है। अभी यह भी पता लगाया जा रहा है कि इनके कितने अकाउंट और अधिक हैं। इसके अलावा टीम ने मौके से कई प्रॉपर्टी के दस्तावेज व डिजिटल डिवाइस भी बरामद किए हैं जिन्हें कब्जे में लिया गया है।


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Content Editor

Pawan Kumar Sethi

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