बीके अस्पताल में संभव हुआ आंख की बीमारी काला मोतिया का इलाज

12/1/2020 1:06:27 PM

फरीदाबाद (ब्यूरो) : कुदरत ने इंसान के शरीर में सबसे खुबसूरत चीज आंखें दी है। नाजुक अंगों में से एक होती हैं आंखें। अगर इनका ख्याल न रखा जाए तो छोटी-सी परेशानी जिंदगी भर की तकलीफ  बन सकती है। लेकिन लोग आंखों की सेहत पर उतना ध्यान नहीं देते जितना उन्हें देना चाहिए। यही वजह है कि 40 की उम्र तक आते-आते कईं लोग आंखों की गंभीर समस्याओं के शिकार हो जाते हैं, उनमें से काला मोतिया एक है। जिसका अब बादशाह खान अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में इलाज संभव हो गया है।

क्यूंकि स्वास्थ्य विभाग ने जिला अस्पताल को यार लेजर मशीन और फं ड्स कैमरा दिया है। लम्बे समय से इसकी जरूरत महसूस हो रही थी और काला मोतिया से ग्रसित मरीजों को दिल्ली रैफर करना पड़ रहा था। लेकिन अब इसका इलाज फरीदाबाद के सरकारी अस्पताल में संभव होगा। बीके अस्पताल के वरिष्ठ नेत्र रोग विशेज्ञ डॉ.जयंत आहूजा ने बताया कि एक अनुमान के अनुसार भारत में चालीस वर्ष से अधिक आयु के लगभग 1 करोड़ या उससे अधिक लोग काला मोतिया से पीड़ित हैं। वहीं फरीदाबाद में एक माह में 40 से अधिक मरीज अस्पताल में काला मोतिया के इलाज के लिए आते हैं।

अगर उचित समय पर सही उपचार नहीं मिला तो इनकी आंखों की रोशनी जा सकती है। यही नहीं, लगभग तीन करोड़ लोगों को प्राथमिक (क्रॉनिक) ओपन एंगल ग्लुकोमा है या होने का खतरा है। इनसे बचने के लिए जरूरी है कि आंखों की नियमित रूप से जांच व सही उपचार कराएं, पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करें और अपनी जीवनशैली में बदलाव लाएं। वहीं अस्पताल की पीएमओ ने बताया कि यार लेजर मशीन की कीमत 8 लाख है। इसके अलावा अस्पताल को पर्दे का फोटो लेने के लिए फंड्स कैमरा भी दिया गया है। जिसके चलते बीमारी की पहचान करने में आसानी होती है।  

Manisha rana