जश्र ए दिवाली में कहीं खो ना जाएं नैना, नेत्र विशेषज्ञों ने बच्चों व लोगों को किया आगाह

11/14/2020 11:27:30 AM

गुरुग्राम (ब्यूरो): शहर के नेत्र विशेषज्ञों ने दिवाली के जश्र आराम से मनाने की नसीहत दी है। खास करके बच्चों के लिए जो लापरवाही कर पटाखों के बारूद से अपनी आंखें की रोशनी खो देते हैं। वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग ने दिवाली की रात चिकित्सकों की अतिरिक्त ड्यूटी सहित पर्याप्त उपलब्ध कराने के आदेश दिए हैं। 

वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. टीएन आहूजा ने बताया लापरवाही व जागरूकता के अभाव में दिवाली के दूसरे दिन ऐसे बच्चों व युवाओं की भीड़ अस्पताल में बढ़ जाती है। जो दिवाली के दिन आंखों में पटाखे व धुआं बारूद घुसने की वजह से आंखों की बीमारी पैदा कर लेते है। लिहाजा इलाज के बाद भी कई बार उन्हें अपनी आंखों की रोशनी खोनी पड़ती है। 

उन्होंने बताया धुएं व बारूद का सबसे ज्यादा असर बच्चों में नजदीक से पटाखें जलाने के कारण होता है। जिससे उनके आंखों की पुतली से लेकर पर्दे तक प्रभावित होते है। ज्ञात हो कि बीते वर्ष दिवाली पर 150 से अधिक अस्थमा मरीजों की जांच कर उन्हें उपचार प्रदान किया गया। जबकि दिवाली के दूसरे दिन भी ऐसे मरीजों की संख्या कम नहीं हुई। चिकित्सकों ने बताया प्रदूषण व खराब हवा के कारण मरीजों को दिक्कत हुई थी। इस बार सरकार ने प्रतिबंध लगाया है उम्मीद है बीते वर्ष के वजाय कम मामले आएगें। 

प्रतिबंध का होगा कितना असर?  
जानकारी के मुताबिक बीते वर्ष जहां पटाखों से जलने वाले मरीजों की दर्जनों में थी। ऐसे इस बार प्रतिबंध का कितना असर होगा, ये वक्त ही बताएगा। दिवाली के दौरान होने वाले प्रदूषण व धुएं के कारण आंखों की समस्या के अलावा अस्थमा (सांस) के मरीजों की तादात बढ़ी थी। सांस में होने वाली दिक्कत के कारण उनकी जान भी चली जाती है। सिविल अस्पताल के वरिष्ठ फिजिसियन डा. नवीन कुमार ने बताया बीते वर्ष समस्या से पीड़ित कई मरीजों को रेफर करना पड़ा था। उन्होंने कहा शहर में प्रदूषण के कारण दिनों दिन अस्थमा मरीजों की तादात में इजाफा हो रहा है। 

ऐसे बचाए अपनी आंखों को
- अस्थमा के मरीज धुएं से बचने के लिए मास्क लगाए।
- जलने व आंखें लाल होने पर ठंडे पानी का प्रयोग करें।
- किसी भी तरह के हादसे के बाद तुरंत नजदीकी अस्पताल से संपर्क करें।
-पटाखे घर से बाहर मैदान में जलाए वाहन व ज्वलनशील चीजों से दूर रखे।
-बारूद लगे हाथों से आंखों पर ना रगड़े, पटाखें चलाने के बाद हाथ पांव धोएं।

 डा. टी एन ने कहा कि प्रदूषण के बीच आतिशबाजी व पटाखा चलाने पर प्रतिबंध है। बावजूद इसके बच्चों व युवाओं से अपील है कि जनहित में आतिशबाजी नहीं करें। इसके धुएं व बारूद से आंखों पर गहरा असर पड़ता है।

vinod kumar