SDM की रडार पर गेहूं के फर्जी खरीद केंद्र, कई आढ़तियों व अधिकारियों पर जल्द गिर सकती है गाज

4/19/2023 6:54:12 PM

कैथल (जयपाल) : पुरानी कहावत है कि जब बाढ़ ही फसल को खाने लग जाए तो फिर भला खेती की रक्षा कौन करेगा ? ऐसा ही कुछ खेला आजकल कैथल में भी चल रहा है। जिनके कंधों पर गेहूं खरीद की जिम्मेवारी है उन अधिकारियों की नाक के नीचे ही अनाज मंडी की बजाए अवैध तरीके से अनाधिकृत गेहूं के खरीद केंद्र चल रहे है। मामला इतना गंभीर होने के बाद भी जिम्मेवारी अधिकारी आंखें बंद करके यह पूरा खेला देख रहे हैं।

कैथल अनाज मंडी में कुछ दिन पहले निजी मिलों के आढ़तियों द्वारा बिना प्रशासनिक अनुमति के मंडी की बजाए 15 से ज्यादा अपने प्राइवेट सेंटरों में गेहूं डालने का मामला सामने आया था। जिसमें अभी तक भी ना तो कैथल मंडी के सचिव ने किसी आढ़ती के खिलाफ कोई कार्यवाही की है और ना ही डीएमईओ ने। अब भी 15 से ज्यादा अनाधिकृत राइस मिलर सरेआम प्रशासन की आंखों में धूल झोंक कर जिम्मेवार अधिकारियों की नाक के नीचे ही इस तरह का गैर कानूनी कार्य कर सरेआम धड़ल्ले से किसान की गेहूं को अपने प्राइवेट सेंट्रो में डलवा मंडी नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। 

वहीं अब इस मामले में मंडी के प्रशासक व एसडीम कैथल संजय कुमार एक्शन मूड में दिखाई दे रहे हैं। जिनका कहना है कि यह पूरा मामला उनके संज्ञान में है और इस मामले को लेकर उन्होंने पहले ही मंडी सचिव को आदेश दिए थे कि जो आढ़ती इस तरह से अनाधिकृत खरीद के केंद्र चला रहे हैं उन सभी को नोटिस जारी कर उनका स्पष्टीकरण मंगवाया जाए उसके बाद जो भी कानूनी कार्रवाई बनती है वो की जाए।

यह बात शायद मंडी के सचिव बासाऊ राम और पूरे जिले की कमान संभाल रहे डीएमइओ अभिनव वालिया को समझ नहीं आई। इसीलिए उपरोक्त दोनों अधिकारियों ने किसी भी आढ़ती के खिलाफ कोई भी ठोस कार्यवाही नहीं की। इसी बात का फायदा उठाते हुए काफी आढ़ती आज भी अपने निजी मिलों में धड़ल्ले से गेहूं डलवा रहे हैं। इस बात का अंदाजा आप खुद ही लगा सकते हैं कि सरकार ने जिन अधिकारियों के कंधों पर गेहूं खरीद की जिम्मेवारी दी हुई है आखिर वह अधिकारी किस तरह से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। जिसको लेकर ऐसे अधिकारियों की कार्यशैली पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर जिम्मेवार अधिकारी ऐसे आढ़तियों पर क्यों नहीं कार्यवाही कर रहे जो बिना अनुमति के अपने खरीद केंद्र चला रहे हैं।

वहीं नियम की अगर बात की जाए तो "हरियाणा कृषि उपज मंडी अधिनियम 1961 की धारा 8" के तहत कोई भी व्यक्ति बिना प्रशासनिक अनुमति के खुद के लिए या दूसरों के लिए किसी भी तरह की कृषि उपज की खरीद नहीं कर सकता। वहीं धारा 9 के तहत यदि किसी भी आढ़ती को अधिकृत मंडी से अलग अपना निजी खरीद केंद्र बनाना है तो उसके लिए उसे मंडी के मुख्य प्रशासक से अनुमति लेना अनिवार्य है।

एसडीएम संजय कुमार का साफ तौर पर कहना है कि मंडी सचिव द्वारा अनाधिकृत खरीद केंद्रों को अनुमति देने के लिए भेजा गया कोई भी पत्र उनको नहीं मिला है और मंडी नियम के अनुसार जो आढ़ती इस तरह का गैर कानूनी कार्य कर रहे हैं उन पर जुर्माने के साथ उनका लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है और साथ ही उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई जा सकती है।

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Content Editor

Mohammad Kumail