कोरोना मरीज की मौत के बाद परिजनों ने किया हंगामा, स्वास्थ्य विभाग पर लगाए आरोप

9/9/2020 5:24:44 PM

यमुनानगर (सुमित/सुरेंद्र मेहता): यमुनानगर में एक 42 वर्षीय कोरोना मरीज की मौत के बाद उसके परिजनों ने ईएसआई कोविड अस्पताल में हंगामा किया। मृतक के परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग पर आरोप लगाया कि रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद 2 घंटे तक अस्पताल से एम्बुलेंस के बीच चक्कर काटता रहा, लेकिन मरीज को इलाज के बजाए कहीं और केयर में रेफर करने की बात कही गई। इसी दौरान मरीज ने दम तोड़ दिया।

मृतक के परिजनों ने इस पूरे मामले का वीडियो भी बनाया है। परिजनों का कहना है कि समय पर इलाज ना मिलने पर ही मरीज की मौत हुई है। वहीं देर रात हो रहे इस हंगामे को देखते हुए पुलिस की टीमें भी मौके पर पहुंच गई थी।



परिजनों ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी एंबुलेंस से मरीज की पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद उनको ट्रामा सेंटर से ईएसआई अस्पताल में लेकर आए थे। ईएसआई रेफर करने की जब बात आई तो पहले एंबुलेंस एक घंटा दरवाजे बंद करके खड़ी रही। हमारा मरीज एक घंटे तक एंबुलेंस में परेशान हो रहा था, वहीं जब कोविड अस्पताल पहुंचे तो 1 घंटे तक कोई स्ट्रक्चर नहीं मिला। 

नीचे वालों ने कहा कि ऊपर वाले आएंगे, ऊपर वालों ने कहा कि नीचे वाले आएंगे। हमने लाइव वीडियो बनाई और अस्पताल वालों से  कहा कि हमारा मरीज मर जाएगा। मरीज को ऊपर लेकर गए, ऊपर उनको कूलर के आगे लिटाया गया। उनको ऑक्सीजन लगाई, तभी स्वास्थ्य विभाग का एक डॉक्टर आया और उसने कहा कि इस मरीज को यहां नहीं रखेंगे यहां जगह नहीं है। 

इस पर परिवार ने कहा कि यह आपको देखना चाहिए कि फिर यहां पर क्यों भेजा है और एक पर्ची बनाकर हमें नीचे भेज दिया और बोल दिया कि मरीज को केयर में लेकर जाओ। एंबुलेंस वालों को भी यह मालूम नहीं था कि केयर कौन सा है। हमारी आंखों के सामने केयर केयर करते ही इतनी देर में हमारे मरीज ने दम तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि मरीज को लंग्स में प्रॉब्लम थी, सांस की दिक्कत थी। । अस्पताल की तरफ से समय पर कोई भी इलाज ने नहीं दिया गया। अस्पताल की लापरवाही की वजह से हमारे मरीज की मौत हुई है।

वहीं जिला सिविल सर्जन डॉ विजय दहिया का कहना है कि इस मामले की जांच की जाएगी और जो भी कर्मचारी दोषी पाया गया उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि मरीज को गंभीर अवस्था में ट्रामा सेंटर लाया गया था, 2 दिन से उसे सांस लेने में परेशानी थी और ट्रामा सेंटर से उसे कोविड अस्पताल में शिफ्ट किया गया था। 



उन्होंने माना कि इसमें कुछ विलंब हुआ है। इस मामले की जांच की जाएगी और इसके लिए जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई हो जाएगी। डॉ विजय ने कहा कि जब यह मरीज आया, उस समय आठ इमरजेंसी मामले एक साथ आ गए। जिसके चलते व्यवस्था करने में समय लग गया।

सिविल सर्जन डॉ विजय दहिया का कहना है कि लोग कोरोना को हल्के में ना लें। जैसे ही सांस लेने में तकलीफ हो या कोई और लक्षण नजर आए, तुरंत अस्पताल में ले जाया जाए। जिससे मरीज को बचाया जा सकता है, लेकिन लोग लापरवाही कर रहे हैं। जिसके चलते मरीज की जान जा सकती है।

vinod kumar