HC के आदेश के बाद थेहड़ को खाली करवाने की कवायद शुरू, 44 परिवारों को किया शिफ्ट

10/29/2017 12:01:16 PM

सिरसा(सतनाम सिंह): सिरसा के थेहड़ पर बसे 44 परिवारों को जिला प्रशासन द्वारा हाउसिंग बोर्ड के फ्लैट्स में शिफ्ट करवाया गया। हाई कोर्ट के निर्देश के बाद ये कार्रवाई जिला प्रशासन कर रहा है। इस जगह को खाली करवाने के बाद पुरातत्व विभाग को सौंपी जानी है। यहां पुरातत्व विभाग ने सर्च करनी है। दरअसल सिरसा में बने थेहड़ पर 30000 से अधिक आबादी बसी है। 88 एकड़ जगह पर पुरातत्व विभाग अपना हक होने की बात कर रहा है जिसको लेकर पुरातत्व ने हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर इस जगह को पुरातत्व विभाग को सौंपने की बात कही है। हाई कोर्ट ने सरकार को आदेश दिए है कि ये 31 अक्टूबर तक थेहड़ को खाली करवाकर पुरातत्व विभाग को सौंपा जाए। इसी कड़ी में प्रशासन ने थेहड़ को खाली करवाने की कवायद शुरू कर दी है। प्रथम चरण में आज थेहड़ पर बसे 44 परिवारों को शिफ्ट करवाया गया है। प्रशासन इन परिवारों को हाउसिंग बोर्ड में बने फ्लैट्स में शिफ्ट कर रहा है जिसको लेकर यहां के रहने वाले लोग खुश नहीं है।

और मकानों को करवाना है खाली
पुरातत्व विभाग की नजर में थेहड़ का 88 एकड़ एरिया है। इसमें से थेहड़ के ऊपर बने 44 मकानों को खाली करवा लिया गया है जबकि अगले चरण में 135 मकानों को और खाली करवाने के लिए नोटिस दिया गया है। प्रशासन ने थेहड़ को 4 जोन में बांटा हुआ है। एक जोन में 10 परिवारों को रखा गया है। इस जोन के प्रभारी ही उन्हें घर खाली करवाने के लिए ट्रालियां, वीडियोग्राफी आदि उपलब्ध करवाएंगे। 

दरगाह में सोए महानिदेशक
पुरातत्व विभाग के महानिदेशक डा. प्रवीण कुमार गत रात को थेहड़ पर बनी दरगाह पर ही रुके। रात को उन्होंने दरगाह में ही रात्रि विश्राम किया और सुबह जल्दी उठकर दरगाह की सफाई भी की। महानिदेशक की इस सहजता को देखकर हर कोई उनका मुरीद हो गया। वे डॉक्टर की उपाधिधारक हैं और यहां अगर कोई मरीज उनके पास आता है तो वे दवाई भी अपनी तरफ से देते हैं। 

फ्लैट्स में मिली कमियां, बिजली उपकरण गायब
पिछले काफी समय से खाली पड़े हाऊसिंग बोर्ड के फ्लैट को अब थेहड़वासियों के लिए खुलवाने के बाद यहां व्याप्त कमियों की बातों का खुलासा हो रहा है। सुबह से यहां के फ्लैट्स में ट्रांसफार्मर से बिजली सप्लाई शुरू करने के लिए पहुंची बिजली निगम की टीम ने जब ट्रांसफार्मर चालू करने के लिए वहां बनाए गए बॉक्स खोले तो वहां से बिजली के उपकरण ही गायब मिले। कई बॉक्स में से कमरों में बिजली सप्लाई के लिए डाली जाने वाली तारें भी गायब मिलीं। इतना ही नहीं कमरे खोलकर मुआयना किया गया तो पाया कि रसोई, स्नान घर व शौचालय में टोंटियां तक नहीं लगाई गई थीं। इसकी भी सूचना प्रशासन को दी गई, जिस पर प्रशासन ने अपने स्तर पर उपकरण उपलब्ध करवाकर सायं तक कमरों में बिजली सप्लाई शुरू करने की बात कही। 

परमिशन नहीं दी हाऊसिंग बोर्ड प्रशासन ने
थेहड़ को खाली करवाने के लिए प्रशासन के गले में अटकी एक फांस यहां के लोगों द्वारा हाऊसिंग बोर्ड के फ्लैट्स में शिफ्ट होने राजी तो हो गए लेकिन दूसरी फांस हाऊसिंग बोर्ड द्वारा इसकी परमिशन न दिए जाने से अटक गई। परमिशन न दिए जाने के कारण हाऊसिंग बोर्ड अधिकारियों द्वारा यहां के फ्लैट्स, ट्रांसफार्मर के कैबिन पर लगे तालों की चाबियां देने से मना कर दिया। इसकी सूचना बिजली निगम के एक्सियन जोगिंद्र सिंह व एस.डी.ओ. रिपनदीप सिंह चावला ने उपायुक्त व एस.डी.एम. को दी तो उन्होंने उच्चाधिकारियों से सलाह-मशविरा कर ताले तोड़ने के निर्देश दिए। इसके बाद बिजली निगम के कर्मचारियों ने कटर द्वारा अलॉट किए जाने वाले सभी 44 फ्लैट्स सहित 10 रिजर्व में रखे जाने वाले फ्लैट्स के ताले तोड़ दिए जिसके बाद थेहड़ के निवासियों ने यहां अपना सामान रखना शुरू कर दिया। वहीं, हाऊसिंग बोर्ड के अधिकारियों ने कहा कि बिना परमिशन के ताले तोड़ना गैरकानूनी है और इस संबंध में उन्होंने अपने उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया है।

थेहड़ से हटाए गए परिवारों की पहली सूची

दलबीर कौर, जगसीर बलवान, अतर, राजेश, राजकुमार, बलवान, महेंद्र, राज, प्रकाश, सरदूल सिंह, रमा देवी, बुद्धराम, दर्शना, बीबो, नीतू, फकीर, पवन, जीत सिंह, टीटू सिंह, गुरचरण, संदीप, बिन्द्र, जगसीर, शमेशर, काला, हरबंस, कृष्ण, बंसी, मुन्ना, जोगिन्द्र, प्रीतम, दर्शन, सोनू, लखबीर, रामकि शन, पालाराम, गंगाराम, पवन, रामकु मार, वीराराम, सोनू व विक्र मजीत शामिल हैं।

पुलिस बल को रखा दूर
थेहड़ को खाली करवाने के मामले में पुलिस बल को दूर ही रखा गया। एहतियातन पुलिस की ओर से मधुबन से 10 कम्पनियां भी मंगवाई गई थीं लेकिन एक  भी पुलिसकर्मी को थेहड़ पर नहीं भेजा गया। अधिकारी मान-मनुहार करके ही लोगों को शिफ्ट होने के  लिए आग्रह करते रहे। अधिकारियों के सरल व्यवहार की वजह से ही मामला शांत रहा और शिफ्टिंग की प्रक्रि या चालू हो सकी।

Nisha Bhardwaj