बड़े राजनीतिक घराने में अब पारिवारिक संबंध विराम!

1/23/2019 9:57:42 AM

जींद (संजय अरोड़ा) : कभी किसी जमाने में प्रदेश के जिस बड़े सियासी परिवार से देश व प्रदेश की राजनीति चला करती थी, आज वही परिवार ‘सियासत’ का इस कदर शिकार हुआ कि पारिवारिक सदस्यों की राजनीतिक राहें तो अलग हुईं ही साथ ही पारिवारिक संबंधों पर भी विराम लगने की स्थिति बन गई। यहां बात हो रही प्रदेश के सबसे बड़े राजनीतिक घराने देवीलाल परिवार की। पूर्व उपप्रधानमंत्री स्व.चौ. देवीलाल के परिवार में यूं तो वर्चस्व की लड़ाई के चलते आज से करीब 30 वर्ष पहले भी पारिवारिक सदस्यों में बिखराव का दौर आया था,मगर जो विभाजन का वक्त अब आया है उसने पारिवारिक संबंधों में ऐसी दरार ला दी है जो शायद रिश्तों के लिहाज से कभी पाटी नहीं जा सकती। 

गौरतलब है कि एक ओर जहां प्रदेश के सभी दलों के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बना जींद विधानसभा उपचुनाव है वहीं अचानक इनैलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला व उनकी पत्नी स्नेहलता चौटाला की ओर से अपने बड़े बेटे अजय सिंह चौटाला व उनके दोनों बेटों दुष्यंत व दिग्विजय को लेकर किए गए तीखे प्रहार के बाद इस परिवार की भीतरी लड़ाई में उफान सा आ गया है। 

इनैलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला द्वारा उन्हें गद्दार कहना व चौटाला की पत्नी स्नेहलता द्वारा पहली बार मीडिया के सामने आकर अजय चौटाला के परिवार के बारे में इस्तेमाल किए गए शब्दों के बाद दोनों तरफ से समर्थकों के बीच भी वाकयुद्ध शुरू हो गया है। इसी दौरान चौटाला के छोटे बेटे एवं हरियाणा विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अभय सिंह चौटाला ने अपने पिता व मां के बयानों को सही बताते हुए यहां तक कह दिया कि जो दुष्यंत व दिग्विजय अपने दादा-दादी के नहीं हुए वो किसी के क्या होंगे?

उन्होंने इस पूरे प्रकरण में आज एक बड़ा फैसला लेते हुए कह दिया कि पहले तो उनके भाई के परिवार से राजनीतिक संबंध विच्छेद हुए थे और आज से उन सभी से पारिवारिक नाते भी खत्म। इस पूरे घटनाक्रम से देवीलाल परिवार एक ऐसे मोड़ पर आकर खड़ा हो गया है जहां से उनके समक्ष राजनीतिक चुनौतियों के साथ-साथ पारिवार की भीतरी चुनौतियां भी कम नहीं हैं। 

Deepak Paul