पंजाब के प्रसिद्ध कलाकार हरेंद्र संधू पहुंचे पक्का मोर्चा धरने पर, बोले - मिलकर लड़ेंंगे किसानों के हक की लड़ाई

10/21/2020 10:50:47 AM

सिरसा : केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए तीन कृ षि कानूनों के विरोध में सिरसा में शुरू किया गया किसान आंदोलन जोर पकडऩे लगा है। जिले के किसान आंदोलन की चर्चाएं अब पूरे प्रदेश में गूंजने लगी हंै, जिसके परिणामस्वरूप कई राजनीतिक पार्टियों के नेताओं व पदाधिकारियों ने अपने पदों से किसानों के हित में त्यागपत्र दे दिया है। वहीं पंजाब से भी जिले के किसानों को पूरा समर्थन मिल रहा है। मंगलवार को किसानों के पक्का मोर्चा स्थल पर पंजाब के प्रसिद्ध कलाकार हरेंद्र संधू धरनास्थल पर पहुंचे और किसानों को अपना समर्थन दिया। आज के कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय किसान संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष विकास सीसर व बलराज बणी ने की।

इस मौके पर हरेंद्र संधू ने कहा कि मैं पहले एक किसान हूं और बाद में कलाकार हूं। अगर किसान मर गया तो सब कु छ खत्म हो जाएगा। पूरा पंजाब किसानों के समर्थन में हरियाणा के साथ खड़ा है। किसानों के हक की लड़ाई को हरियाणा-पंजाब के किसान मिलकर लड़ेंगे। भाजपा सरकार ने पंूजीपति घरानों को लाभ देने के लिए एकतरफा किसान विरोध बिल जबरन पारित कर किसानों की कमर तोडऩे का काम किया है, जिसका जवाब देश का किसान आगामी समय में सरकार बखूबी देगा। सरकार किसानों व आढ़तियों के रिश्ते को भी तोडऩे का प्रयास कर रही है क्योंकि आढ़ती के बिना किसान का कोई वजूद नहीं है। अगर अब भी किसानों ने इन बिलों का विरोध नहीं किया तो आगामी समय में किसान व किसानी समाप्त हो जाएंगे। सरकार इन बिलों के माध्यम से किसानों को उलझाकर उनकी मजबूरी का फायदा उठाने की कोशिश में है।

संधू ने कहा कि अगर सरकार अपने मनसूबों में कामयाब हो गई तो किसानों को पीस कर रख देगी। कृ षि क्षेत्र पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि पिछले लंबे समय से कृ षि में सुधार देखने को नहीं मिला है और आने वाले दिनों में भी इसका स्तर गिरता रहा तो यह देश के लिए खतरनाक होगा। इस मौके पर भारतीय किसान संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष विकास सीसर व हरियाणा किसान मंच के प्रदेशाध्यक्ष प्रह्लाद सिंह भारूखेड़ा ने कहा कि सिरसा आंदोलन का असर पूरे हरियाणा में हो रहा है। जुलाना के पूर्व विधायक परमिन्द्र ढुल ने किसानों के समर्थन में भाजपा को छोड़ दिया है। उधर बरवाला से विधायक जोगीराम सिहाग ने किसानों के समर्थन में चेयरमैनी छोड़ दी है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इन तीनों कानूनों के विरोध में कई विधायक भी इस्तीफा देकर किसानों के बीच में आएंगे। इस मौके पर काफी संख्या में किसान धरनास्थल पर मौजूद थे।

Isha