ग्रामीणों के धरने में एक किसान की ठंड से हुई मौत, एक जनवरी से KMP पर डटे हैं हजारों लोग

1/8/2023 6:42:57 PM

पलवल(गुरूदत्त गर्ग): जिले के 80 गांवों के लोगों द्वारा केएमपी और मुंबई-दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे पर  कट(इंटरचेंज) की मांग को लेकर मिंडकोला सिलानी रोड पर लगाए गए अनिश्चितकालीन धरने में एक व्यक्ति की ठंड से मौत हो गई। बता दें कि यह धरना 1 जनवरी को शुरू हुआ था। यह धरना मिंडकोला सिलानी रोड स्थित केएमपी और मुंबई-दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेस वे के नौरंगाबाद के पास बन रहे गोल चक्कर पर दिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि यह  एशिया का सबसे बड़ा गोल चक्कर है।  नए साल के पहले दिन से शुरू इस धरने में हजारों लोग हिस्सा ले रहे है। धरने पर बैठे लोगों ने मृतक के शव को रख कर प्रशासन को चेतावनी दी और मृतक को शहीद का दर्जा देने, एक परिजन को नौकरी व आर्थिक सहायता देने की मांग की है।

 

प्रशासन के साथ बातचीत के बाद मांगो के लेकर बनी सहमति

   

धरने पर किसान रामखिलाड़ी की मौत होने के बाद मृतकों के परिवार को 50 लाख रुपए मुआवजा, शहीद का दर्जा व नौकरी दिलाए जाने की मांग की जा रही है। एडीसी हितेश मीणा ने लोगों के बीच पहुंचकर मृतक का संस्कार करने के लिए मनाने की कोशिश की। धरने पर मौजूद लोगों ने प्रशासन के साथ बातचीत की, जिसमें मृतक रामखिलाड़ी के एक बेटे को योग्यता के अनुसार डीसी रेट पर किसी भी सरकारी विभाग में नौकरी देने, कम से कम दस लाख से लेकर पचास लाख रुपये तक आर्थिक मुआवजा दिलाने को लेकर सहमति बनी। वहीं मृतक किसान को शहीद का दर्जा देने का प्रस्ताव भी सरकार को भेजने की बात प्रशासन की ओर से कही गई है। एडीसी हितेश मीणा के साथ वार्ता के बाद मंच से घोषणा हुई और उसके बाद ही शव को पंडाल से उठाया गया।

 

1 जनवरी से धरने पर बैठे हैं हजारों लोग

 

धरने पर बैठे किसानों की मांग है कि पलवल और मेवात से होकर गुजर रहे केएमपी तथा दिल्ली-मुंबई-वडोदरा एक्सप्रेसवे और नोएडा से फरीदाबाद होते हुए रेवाड़ी की ओर जाने वाले एक्सप्रेस वे के लिए बनाए गए गोल चक्कर का इस क्षेत्र में कट दिया जाए, जिससे इस क्षेत्र में उद्योग धंधों से लेकर कारोबार के नए आयाम स्थापित होने से इस क्षेत्र का चहुमुखी विकास हो सके। ग्रामीणों का कहना है कि हमारे क्षेत्र की हजारों एकड़ जमीन को 3 एक्सप्रेस वे को जोड़ने वाले केंद्र सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए अपनी जमीन दी है।  इससे लोगों की आजीविका के साधन कम हुए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि केंद्र सरकार की ओर से यहां कट देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी जाती है तो यहां पर नए-नए उद्योग धंधों  और व्यापार के नए रास्ते खुलेंगे। अच्छी कनेक्टिविटी मिलने से उद्योगपति यहां आएंगे और यहां कारखाने स्थापित करेंगे।

 

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Content Writer

Gourav Chouhan