नौकरी छोड़कर किसान ने पारंपरिक खेती की बजाये अपनाई ऑग्रेनिक खेती, कमा रहे हैं दोहरा मुनाफा

12/23/2023 9:18:26 PM

चरखी दादरी(पुनीत): निजी क्षेत्र की नौकरी छोड़कर सुरेंद्र कुमार ने रेतीली जमीन पर पारंपरिक खेती अपनाते हुए सब्जियों की ऑग्रेनिक खेती पैदा कर प्रगतिशील किसान की भूमिका बखूबी निभा रहे हैं। किसान ने सरकार की किसान पाठशालाओं से सीख ली और सब्जियों के अलावा दूसरी फसलों की बिजाई कर दोहरा मुनाफा कमा रहे हैं। बिना कोई रसायन खाद के गाय के गोबर से तैयार खाद से किसान ने अपने खेत में सब्जियों के बीज व पौध भी तैयार की हैं। किसान मेलों में सब्जियों से कमाई की मार्केटिंग भी सीखी और दूसरे किसानों को भी ऑग्रेनिक खेती करने बारे जागरूक कर रहे हैं। किसान के जज्बे को कृषि विभाग ने भी सराहते हुए दूसरे किसानों को भी ऐसी खेती करने की सलाह दी है।

बता दें कि दादरी के गांव घसोला निवासी सुरेंद्र सिंह को निजी क्षेत्र में नौकरी मिली थी लेकिन घर-परिवार का पालन-पोषण को लेकर करीब 11 वर्ष पहले नौकरी छोड़कर अपनी परंपरागत खेती बजाये ऑग्रेनिक खेती करने का निर्णय लिया। ऑग्रेनिक व कमाई की खेती के लिए किसान सुरेंद्र ने सरकार की किसान पाठशाअों से नये तरीके से खेती करना सीखा और अब वह करीब डेढ एकड़ में गाय के गोबर से घर पर बनाई खाद से एक सीजन में चार सब्जियों की पैदावार कर दोहरी कमाई कर रहा है। किसान ने पोर्टल पर आवेदन करते हुए योजनाओं का लाभ लेकर खेत में सोलर सिस्टम के अलावा इरिगेशन व मल्चिंग भी लगाया है।  

किसान सुरेंद्र कुमार ने बताया कि घर-परिवार चलाने के लिए सरकार की किसान पाठशाला से आधुनिक खेती के बारे में जानकारी मिली और सरकार की योजनाओं का लाभ लेते हुए खेती से दोहरा मुनाफा कमा रहे हैं। बताया कि वे एक सीजन में सब्जियों की अलग-अलग प्रकार की चार फसलें उगाकर अच्छा मुनाफा कमा लेते हैं। बताया कि उसने किसान मेलों में सब्जियों से कमाई की मार्केटिंग सीखी है और इस बारे वे दूसरे किसानों को भी ऑग्रेनिक खेती करने का आह्वान कर रहे हैं। वहीं किसान के जज्बे को कृषि विभाग ने भी सराहते हुए दूसरे किसानों को भी ऐसी खेती करने की सलाह दी। कृषि वैज्ञानिक चंद्रभान श्योराण ने कहा कि किसान का यह अच्छा प्रयास है। रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं करना अच्छी पहल है, इससे दूसरे किसानों को भी प्रेरणा मिलेगी।

Content Writer

Isha