ऐलनाबाद उपचुनाव: किसान संगठनों ने उतारा अपना उम्मीदवार, 8 अक्तूबर को करेंगे नामांकन दाखिल
10/6/2021 4:08:37 PM
सिरसा(सतनाम): ऐलनाबाद उपचुनाव को लेकर किसान संगठन भी सक्रिय हो गए हैं। आज हरियाणा सयुंक्त किसान मोर्चा से सम्बंधित कुछ किसान संगठनों ने अपना उम्मीदवार मैदान में उतारने का ऐलान कर दिया है। हालांकि किसान संगठनों का कहना है कि अगर संयुक्त किसान मोर्चा अपना उम्मीदवार मैदान में उतारता है वे अपने उम्मीदवार का नाम वापिस ले लेंगे। ऐलनाबाद उपचुनाव में अखिल भारतीय स्वामीनाथन संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष विकल पचार को उम्मीदवार बनाया है जो आगामी 8 अक्तूबर को नामांकन दाखिल करेंगे।
हरियाणा संयुक्त मोर्चा के संयोजक जगबीर घसोला ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा ने संयुक्त मोर्चा को प्रत्याशी उतारने की अपील की थी लेकिन अब तक उस पर कोई फैसला नहीं हुआ है। इसी के चलते हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा से सम्बंधित संगठनों ने फैसला लिया है कि ऐलनाबाद उपचुनाव में किसान उम्मीदार उतारा जाएगा। क्योंकि जब तक किसान राजनीति में नहीं जाएगा तो व्यवस्था में परिवर्तन नहीं हो सकता। इसलिए विकल पचार को ऐलनाबाद उपचुनाव में उतारा जा रहा है। इनेलो नेता अभय सिंह चैटाला के चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि किसानों के समर्थन में उन्होंने इस्तीफा दिया था। अब तक किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है। बावजूद इसके वे खुद चुनाव लड़ रहे हैं। उन्हें किसान प्रत्याशी का समर्थन करना चाहिए और खुद चुनाव लड़ने का फैसला बदलना चाहिए।
एमएसपी संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप धनखड ने मीडिया को बताया कि किसानों का प्रतिनिधि जो भी मैदान में आएगा वह योद्धा बनकर लड़ेगा। अगर संयुक्त मोर्चा अपना उम्मीदवार उतारता है तो हमारा उम्मीदवारा ऐलनाबाद उपचुनाव से अपना नाम वापिस लेगा। उन्होंने ऐलनाबाद के किसानों से अपील की है कि वे विकल पचार का समर्थन करें। ताकि मोदी सरकार को सबक सिखाया जा सके। अगर किसान एकजुट होगा तो पूरे देश में संदेश जाएगा। जब तक तीनों कृषि कानून वापिस नहीं होते किसानों को अपने हकों के लिए लड़ना होगा। किसानों का किसी राजनीतिक परिवार ने आज तक भला नहीं किया। अखिल भारतीय स्वामीनाथन संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष विकल पचार ने कहा कि संयुक्त मोर्चा से सम्पर्क किया गया। पंजाब, उत्तरप्रदेश मिशन की तरह ऐलनाबाद मिशन भी चलाया जाना चाहिए। संयुक्त मोर्चा इस पर कुछ भी नहीं बोल रहा। हरियाणा के किसान लगातार संघर्ष से जुड़े हैं। संयुक्त मोर्चा के फैसला नहीं लेने पर हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है।