केंद्र सरकार के 3 अध्यादेशों के खिलाफ सड़कों पर उतरे किसान, ट्रैक्टरों पर काले झंडे लगा किया विरोध

7/20/2020 2:45:33 PM

डेस्क: केंद्र सरकार के खेती-किसानी से जुड़े तीन अध्यादेशों के खिलाफ हरियाणा के किसान आज सड़कों पर उतरे। प्रदेश के विभिन्न जिलों में ट्रैक्टरों पर सवार होकर किसानों ने सरकार विरोधी नारेबाजी की। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार अध्यादेश लाकर अनाज मंडियों को समाप्त करना चाहती है और बड़े घरानों को फायदा पहुंचाना चाहती है, जिसको किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। इसके लिए चाहे उन्हें अपनी जान भी क्यों ना कुर्बान करनी पड़े। उन्होंने सरकार से तीनों आध्यादेश को वापस लेने की मांग उठाई है। 



यमुनानगर (सुरेंद्र मेहता): यमुनानगर में सैकड़ों की संख्या में ट्रैक्टरों पर सवार होकर किसान अनाज मंडी पहुंचे और सरकार विरोधी नारेबाजी की। किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा जो तीन अध्यादेश लाए गए हैं वह किसानों के लिए काला कानून है और किसान विरोधी हैं, जिसे किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने दिया जाएगा। 

किसान नेता हरपाल सिंह एवं संजू गुंदियाना ने कहा कि इस अध्यादेश के तहत मंडी प्राइवेट हो जाएगी, किसान अपनी मर्जी से अपना अनाज नहीं बेच सकेंगे। इस अध्यादेश से बड़े घरानों को लाभ होगा। किसान नेताओं ने कहा कि अगर सरकार ने यह अध्यादेश वापस नहीं लिया तो यह आंदोलन उग्र रूप धारण कर सकता है। उन्होंने बताया कि 30 जुलाई को कैथल के गुरुद्वारा में किसान महापंचायत होगी, जिसमें अगला निर्णय लिया जाएगा।



कुरुक्षेत्र (रणदीप): किसान विरोधी अध्यादेश को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने शाहाबाद मारकंडा में गुरनाम सिंह चढूनी की अगुवाई में अपने-अपने ट्रैक्टरों पर काले झंडे बांधकर रोष प्रदर्शन किया। इस दौरान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने बताया कि कोविड-19 नियमावली का पूरी तरह से पालन कर रहे हैं और सभी किसान अपने-अपने ट्रैक्टर पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।

करनाल (केसी आर्या): करनाल में आढ़तियों व किसानों ने अपने ट्रैक्टर पर काले झंडे लगाकर सरकार द्वारा जारी किए गए तीन अध्यादेश को लेकर विरोध प्रर्दशन किया। आध्याशो में कहा गया है। उन्होंने कहा कि तीनों अध्यादेश भारत के करोड़ों किसान, मजदूर, आढ़ती, मुनीम परिवारों को बर्बाद कर देंगे।



वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद बंद करके किसानों का शोषण करने में लगी हुई। अगर सरकार ने एमएसपी पर खरीद बंद कर दिया तो खेती किसानों के साथ साथ देश की खाद्यान सुरक्षा भी बड़े संकट में फस जाएगी।

मंडी आढ़तियों ने भी किसान संगठनों का समर्थन कर दिया है। उन्होनें सरकार से मांग की तीनों अध्यादेश वापिस ले और जैसे किसान का पहले ढांचा था, वैसे ही ढांचा रहे। किसान की पेमेंट भी आढ़ती के माध्यम से हो। किसान को डीजल आधे रेट पर मिले। 

भिवानी (अशोक): भिवाना में किसानों व आढ़तियों ने ट्रक्टरों पर काले झंडे लगाकर नए अध्यादेश का विरोध किया गया है। शहर में प्रदर्शन के बाद किसानों व आढ़तियों ने उपायुक्त को माध्यम से हरियाणा सरकार को मांग पत्र सौंपा गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने एसेंशियल कमोडिटी एक्ट 1955 में बदलाव करके आलू, प्याज, दलहन, तिलहन आदि भंडारण पर लगी रोक को हटा लिया है। इसे किसानों को नहीं बल्कि बड़ी कंपनियों को ही फायदा होगा। देश में 80 फीसदी लघु किसान हैं जो अपने उत्पादन का भंडारण लंबे समय तक नहीं कर सकते। 



सरकार कॉन्ट्रैक्ट खेती को बढ़ावा दे रही है। इस के चलते किसान अपनी ही जमीन पर कंपनियों के मजदूर बन जाएंगे, किसानों का अपना वजूद खत्म हो जाएगा। उन्होंने सरकार से तीनों कृषि विरोधी अध्यादेशों को तुरंत वापिस लेने तथा डीजल की कीमतों को घटाने की सरकार से मांग की है। यूनियन के युवा जिला अध्यक्ष राकेश आर्य निमड़ीवाली ने बताया कि यह प्रदर्शन पंजाब व हरियाणा प्रदेश के सभी जिलों में एक साथ किया गया है।

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vinod kumar