पुल बना रही कंस्ट्रक्शन कंपनी पर किसान का आरोप, जमीन पर कब्जा कर कंपनी ने बना डाला रास्ता

3/20/2023 5:02:12 PM

पानीपत (सचिन शर्मा) : हरियाणा में एक गांव ऐसा है जहां ग्रामीण सालों से मुसीबतों का समना कर रहे हैं। जिले के खुखराना गांव में जहां अभीतक लोग सीमेंट कंपनी की मार सालों से झेल रहे थे, वहीं अब पुल का निर्माण कर रही तेजवंतराय कंस्ट्रक्शन कंपनी की मार गांव के किसानों पर भारी पड़ रही है। पुल का निर्माण कर रही कंपनी पर गांव के एक किसान ने उसकी जमीन पर कब्जा कर रास्ता बनाने का आरोप लगाया है। किसान का कहना है कि कंपनी निर्माण कार्य कर खुद तो मोटे पैसे कमा रही है लेकिन उनकी जमीन पर जबरदस्ती कब्जा कर उन्हें नुकसान पहुंचाने का काम कर रही है। किसान ने कंपनी पर करीब 3 कनाल जमीन पर कब्जा कर रास्ता बनाने और नाला खोदने के आरोप लगाए हैं।

किसान ने बताया कि दिनभर धूल मिटी की वजह से जहां कंपनी पॉल्यूशन तो बढ़ा ही रही है वहीं इस धूल मिटी की वजह से उनकी सरसों की काफी फसल खराब हो गई है। उन्होंने बताया कि सरसों की फसल पर मोटी परत मिट्टी की जम जाती है, जिससे उनकी फसल पक ही नहीं रही है। आलम ये है कि उनकी आधी फसल तो पककर कट चुकी है लेकिन बिना पकने की वजह से आधी ऐसे ही खड़ी है। रोजाना खराब मौसम की वजह से अब किसान को अपनी सारी फसल नष्ट होने का डर सता रहा है। किसान ने बताया कि कंपनी ने बिना परमिशन लिए उनकी जमीन पर कब्जा कर रास्ता बना दिया और नाला खोद डाला। उन्होंने मीडिया के सामने मांग रखते हुए कहा कि या तो उनकी जमीन से कब्जा खाली करवाया जाए या फिर उन्हें मुआवजा दिया जाए।

दरअसल कंपनी जहां पुल का निर्माण कर रही है यह रास्ता खुखराना से होते हुए आसन की तरफ जाता है। जहां मेन रोड पर पुल का निर्माण कार्य चलने की वजह से वाहन चालकों के लिए साइड से रास्ता निकाला गया है, जो रास्ता किसान के खेतों से मिल गया है। जिससे किसानों की फसल बर्बाद हो रही है और करीब 3 कनाल भूमि रास्ते में शामिल हो गई है।

वहीं जब इस बारे में कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर से बात की गई तो उन्होंने सभी आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि उन्होंने किसान की किसी जमीन पर कोई कब्जा नहीं कर रखा है। प्रोजेक्ट मैनेजर ने उल्टा किसान पर ही ब्लैकमेलिंग के आरोप लगा दिए।

आपको बता दें कि पानीपत जिले का खुखराना वही गांव है जो थर्मल से निकलने वाली राख और सीमेंट फैक्ट्री से सालों से परेशान है। जिसकी वजह से गांव को शिफ्ट भी किया जा रहा है, क्योंकि सीमेंट फैक्ट्री और राख की वजह से पूरा गांव दमे और कैंसर जैसी बीमारियों से पीड़ित हो चुका है।

हालांकि किसान ने अभी तक कंपनी के खिलाफ कहीं कोई शिकायत नहीं की है, लेकिन किसान ने किसान यूनियन के पदाधिकारियों से बातचीत करने का प्रयास जरूर किया था। संपर्क ना होने की वजह से बात नहीं हो पाई। किसान छोटाराम ने बताया अगर उनकी समस्या का समाधान नहीं होता है तो वह यूनियन से भी मिलेंगे और शिकायत देने का भी काम करेंगे।

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Content Editor

Mohammad Kumail