प्लाईवुड फैक्ट्रियों में हो रहा किसान के यूरिया का प्रयोग, सैंपल से चला पता, कृषि विभाग कार्रवाई में जुटा

2/12/2023 12:01:08 AM

यमुनानगर(सुरेंद्र मेहता): किसानों के उपयोग में आने वाला यूरिया प्लाईवुड फैक्ट्री में इस्तेमाल हो रहा है। सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद यह स्पष्ट हो चुका है। उप कृषि निदेशक डॉ. प्रदीप मिल ने बताया कि यूरिया की कालाबाजारी रोकने के लिए उपमण्डल अधिकारी की अध्यक्षता में एक टीम बनाई गई है। यह टीम लगातार छापामारी कर रही है, जो भी फैक्ट्री संचालक गलत तरीके से कृषि में प्रयोग होने वाले यूरिया का प्रयोग करेंगा। उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर यूरिया की कालाबाजारी रोकने के लिए  टीम बनाई गई है। उस टीम ने 23 दिसम्बर को एशियन वुड इंडस्ट्रीज जोडिया जिला यमुनानगर का निरीक्षण किया। इस परीक्षण के बाद टीम को 25 बैग यूरिया के मिले जोकि टेक्निकल ग्रेड यूरिया के बैगों में थे। उन्होंने बताया कि उसी समय यूरिया का सैम्पल लिया और इस सैम्पल को क्वालिटी कंट्रोल लैब करनाल में भेजा गया। उन्होंने बताया कि लैब की रिपोर्ट के अनुसार यह यूरिया कृषि में प्रयोग होने वाला पाया गया। फैक्ट्री संचालक ने इस यूरिया का गलत प्रयोग किया।

 

कृषि में प्रयोग होने वाले यूरिया का एक बैग 267 रुपये का आता है, जबकि फैक्ट्री में प्रयोग होने वाला यूरिया का बैग करीब 3000 रुपये में आता है। उन्होंने बताया कि यह खाद फैक्ट्री संचालक द्वारा इंडियन पोटाश लिमिटेड, अन्ना सलाई चेन्नई द्वारा खरीदा गया था और विकास एसोसिएट सरोजनी कॉलोनी काम्पलैक्स नजदीक मुख्य पोस्ट ऑफिस से वितरित किया गया था। उन्होंने बताया फैक्ट्री संचालक द्वारा यह गलत तरीके से खरीदा गया था। इसके लिए फैक्ट्री संचालक को स्पष्टïीकरण के लिए नोटिस दिया गया है। यदि स्पष्टïीकरण का जवाब सही नहीं पाया गया तो नियमानुसार फैक्ट्री संचालक के खिलाफ एफआईआर की जाएगी।

 

उन्होंने बताया कि उपायुक्त ने सख्त निर्देश दिए है कि जो भी फैक्ट्री संचालक या डीलर यूरिया का प्रयोग करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और टीम द्वारा लगातार छापेमारी की जाएगी। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी टीम द्वारा गत महीनों में 9 के खिलाफ एफआईआर की है, 2 के लाइसेंस रद्द किए है। उन्होंने यह भी बताया कि अब किसानों की सुविधा के लिए युरिया गांव में स्थित पैक्स में ही दिया जा रहा है। जिले में यूरिया की कोई कमी नहीं है। अब भी जिले में 2000 मीट्रिक टन का स्टॉक है।

(हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भी, बस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें।)     

 

 

Content Editor

Ajay Kumar Sharma