किसान के बेटे ने हासिल की माउंट एवरेस्ट पर फतह, लिया था 15 लाख का कर्ज(video)

6/3/2018 3:53:14 PM

फतेहाबाद(रमेश भट्ट): किसान के बेटे ने अपने सपने को साकार कर माउंट एवरेस्ट पर फतह हासिल किया है। मध्यवर्गीय किसान का बेटा नवदीप बाजिया ने 8 अप्रैल को नेपाल से अभियान की शुरुआत की थी, जो एक महीने 13 दिन की चढ़ाई के बाद एवरेस्ट को फतह किया। खास बात यह है मध्यवर्गीय परिवार से नाता रखने वाले नवदीप ने अपने सपने को साकार करने के लिए 15 लाख का कर्ज लिया हुआ है। फिलहाल नवदीप के घर लौटने पर गांव में उसका भव्य स्वागत किया गया वहींं प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला ने नवदीप को सम्मानित किया।

माउंट एवरेस्ट की चोटी पर फतेह हासिल करके अपने गांव ढाणी डूल्ट पहुंचे नवदीप बाजिया का ढोल के साथ ग्रामीणों ने स्वागत किया। सैकडों की संख्या मेंं ढाणी डूल्ट के लोगों ने भूना बस स्टैंड पहुंचकर फूल मालाओं के साथ जोरदार स्वागत किया। पर्वतारोही नवदीप बाजिया को भूना से गांव ढाणी गोपाल तक खुली जीप में बैठाकर काफिला के रुप में ले जाया गया।



गांव ढाणी डूल्ट के 25  वर्षीय नवदीप बाजिया एक साधारण किसान परिवार से संबंध रखते हैं। पिछले साल बाजिया माउंट एवरेस्ट चोटी के बिल्कुल नजदीक पहुंच गए थे। मगर बर्फीले तूफान की वजह से 8  हजार मीटर से वापस लौटना पड़ा था। गांव में मात्र 4 एकड़ जमीन से गुजर बसर करने वाले किसान के इस बेटे ने 15  लाख रुपये कर्ज उठाकर अपने सपने को साकार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और बुंलदियों को 21 मई को माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहरा दिया। 

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला भी गांव ढाणी डूल्ट में आयोजित सम्मान समारोह में पहुंचे और नवदीप का हौसला बढ़ाया।  बराला ने कहा की नवदीप ने हरियाणा प्रदेश व फतेहाबाद का नाम रोशन किया है सरकार से जो भी मदद होगी वो कि जाएगी। 



पंचायत ने भी किया सम्मानित 
गांव के सरपंच जयप्रकाश मावलिया व उनकी पूरी टीम ने पंचायत की आरे से नवदीप बाजिया को सम्मानित किया और आगे बढऩे के लिए उसे प्रोत्साहित किया। 

बड़ी चुनौती को पार करना आसान नहीं था: बाजिया
नवदीप बाजिया का कहना है कि सबसे बड़ी माउंट एवरेस्ट की चोटी पर तिरंगा फहराना विश्वस्तरीय चुनौती से कम नहीं था। किंतु मैंने तो मन में ठान ही लिया था कि देश में ढाणी डूल्ट का नाम रोशन करना है तो एवरेस्ट पर तिरंगा फहराकर ही लौटूंगा। उन्होंने बताया कि 1  डिग्री तापमान पर एक पल रुकना भी दूभर बना हुआ था। किंतु मन में हौंसला और दिल में जज्बा कुछ नया कर गुजरने का था।

Shivam