किसानों ने किया भारतमाला प्रोजैक्ट में भ्रष्टाचार का भंडाफोड़, मिलीभगत से सरकार को करोड़ों का चूना

punjabkesari.in Wednesday, Jun 15, 2022 - 09:26 AM (IST)

डबवाली : केंद्र सरकार के भारतमाला प्रोजैक्ट के तहत बन रहे अमृतसर-जामनगर एक्सप्रैस-वे के संरचना अवार्ड में करोड़ों रुपयों का घोटला होने का खुलासा हुआ है। कई प्रभावशाली लोगों के साथ मिलीभगत कर अधिकारियों ने खेतों में बने स्ट्रक्चर का गलत मूल्यांकन करके मोटी मुआवजा राशि तैयार कर दी। जिसके बाद इन लोगों के खातों में गलत स्ट्रक्चर अवार्ड के नाम पर यह राशि जारी कर दी गई। मामले का भंडाफोड़ होने के बाद स्ट्रक्चर का मूल्यांकन कर मुआवजा राशि तैयार करने वाले संबंधित विभागों के अधिकारियों में भी हड़कंप मचा हुआ है। घोटाले पर लीपा-पोती करने के लिए अब राजस्व विभाग रिकवरी के नोटिस जारी कर रहा है।

यहां बता दें कि किसान नेता दयाराम उलानियां व राकेश फगोड़िया के नेत्तृव में 9 गांवों के किसान लगातार भारतमाला प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार होने के आरोप लगा रहे थे। जिला राजस्व अधिकारी द्वारा जारी किए गए रिकवरी नोटिस ने अब इन किसानों के आरोपों को सत्यापित कर दिया है।

चौटाला में 11 लोगों को राजस्व विभाग का नोटिस
किसान नेता दयाराम उलानिया के मुताबिक राशि वापिस सरकार के खाते में जमा कराने के लिए चौटाला गांव में ही राजस्व विभाग ने लोगों को नोटिस जारी किए है। दयाराम के मुताबिक भारतमाला सड़क संरचना अवार्ड चौटाला गांव में करोड़ों का घोटाला हुआ है। दयाराम के मुताबिक डबवाली क्षेत्र के किसान लंबे समय से संघर्ष करते हुए यह आरोप लगा रहे थे की संरचना अवार्ड में प्रभावशाली लोगों ने प्रशासन से मिलीभगत करके करोड़ों रुपए सरकार को चूना लगाया है। किसानों द्वारा किए गए दावों पर आज मुहर लग गई है। आज राजस्व अधिकारी द्वारा मिलीभगत कर सरचंना अवार्ड का मुआवजा लेने वालों से राशि वापस सरकारी खजाने में जमा कराने के नोटिस जारी हुए हैं।

इन विभागों ने तैयार किए सरंचना अवार्ड
यहां बता दें कि डबवाली उपमंडल के 9 गांवों की जमीन का भारतमाला प्रोजैक्ट के लिए अधिग्रहण किया गया है। इन गांवों में खेतों में लगे किन्नू के बाग, पानी डिग्गियां, ढाणियों, टयूबवैल जैसे स्ट्रक्चर का अवार्ड सरकार द्वारा अलग से दिया गया था। इस स्ट्रक्चर का मूल्यांकन करके मुआवजा राशि तैयार करने की ड्यूटी संबंधित विभागों के अधिकारियों की थी। स्ट्रक्चर का मूल्यांकन करने केे लिए उद्यान विभाग, पी.डब्लयू.डी, वन विभाग, सड़क एवं परिवहन विभाग, पब्लिक हैल्थ जैसे विभागों के अधिकारियों की डयूटी लगी।

लेकिन आपसी मिलीभगत से चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए स्ट्रक्चर अवार्ड का मुआवजे की बढ़ा-चढ़ाकर एक बड़ी राशि तैयार कर दी गई। जिसके बाद सरंचना अवार्ड की यह राशि खातों में पहुंच गई। जब इस घपले का किसान नेताओं को पता लगा तो उन्होंने सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी एवं हरियाणा के मुख्यमंत्री, रीजनल अधिकारी चंडीगढ़ को ट्वीट करके शिकायत की। जिसके बाद राजस्व अधिकारी ने डबवाली तहसीलदार के नेत्तृव में टीम गठित करके मामले की जांच करने के आदेश दिए।

गलत तरीके से सरंचना अवार्ड की राशि हासिल करने वालों को सरकारी खजाने में जमा करवाने के नोटिस भेजकर 15 जून को कार्यालय में पेश होने के आदेश दिए गए हैं। किसान नेता दयाराम उलानियां के मुताबिक चौटाला गांव के 10 किसानों से 1 करोड़ 52 लाख रुपए की वसूली के आदेश दिए गए हैं।

2 एकड़ में दिखा दिए 560 किन्नू के पेड़
यहां बता दें कि 1 एकड़ जमीन पर 100 किन्नू के पेड़ लगते हैं। लेकिन 1 एकड़ में 280 किन्नू के पेड़ स्ट्रक्चर अवार्ड के मूल्यांकन में दर्शाए गए। जिसके बाद सरकार ने 280 किन्नू के पेड़ का मुआवजा राशि जारी कर दी। चौटाला में 2 एकड़ जमीन पर 17 वर्ष की उम्र के 560 किन्नू के पेड़ दिखाकर मुआवजा ले लिया गया। इसके अलावा सूखे हुए पेड़ों का भी मुआवजा जारी कर दिया गया जो संभव ही नहीं हो सकता।

दयाराम उलानियां कहते हैं कि विडम्बना देखिए कि जिस किसान राजेंद्र पुत्र द्वारका प्रसाद की ढाणी एक्सप्रैस-वे के बीच में आई उसे सरकार ने मात्र 2 लाख रुपए ही मुआवजा जारी किया। इस किसान का सरकारी रास्ता भी एन.एच.ए.आई. ने अधिग्रहण कर लिया है। 2 साल तक चक्कर काटने के बाद यह मुआवजा इस किसान को दिया गया। शिकायतकर्ता राजेंद्र से राजस्व अधिकारी रुपए सरकारी खाते में जमा करवाने का नोटिस भी भेज चुके हैं। दयाराम के मुताबिक जबकि एक अन्य किसान जिसकी जमीन अधिग्रहण ही नहीं हुई है उसको लाखों रुपए दे दिए गए हैं।

वहीं एक किसान की कच्ची डिग्गी को पक्का दिखाकर लाखों रुपए का मुआवजा जारी कर दिया गया है। दूसरी तरफ पक्की डिग्गी वाले किसान को नाममात्र पैसे दिए गए हैं। किसान नेता दयाराम ऊलानियां, कामरेड राकेश फगोड़या, अनिल सरेलिया, राजेश बिश्नोई, राजेंद्र शर्मा, मोहनलाल भाम्भू आदि किसानों ने कहा कि जल्द ही इस मामले में नितिन गडकरी से मुलाकात की जाएगी।

 
राजस्व अधिकारी सुरेेश बोध के मुताबिक चौटाला के कई लोगों को मुआवजा राशि की रिकवरी का नोटिस जारी किया गया है। वे फाइल देखकर ही बता सकेंगे कि कितने नोटिस जारी हुए हैं और कितनी राशि की रिकवरी की जानी है। राजस्व अधिकारी ने कहा कि अगर किसी अन्य गांव में भी गलत मुआवजा लिए जाने की शिकायत आती है तो जांच कर उस पर कार्रवाई की जाएगी।

 


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Content Writer

Isha

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