किसान आंदोलन : किसानों ने मनाया खालसा पंथ स्थापना दिवस, सादगी से मनाई बैसाखी

4/14/2021 8:12:22 AM

सोनीपत : 3 कृषि कानूनों को रद्द करवाने और एम.एस.पी. पर गारंटी की मांग को लेकर 138 दिन से कुंडली बार्डर पर धरनारत किसानों ने मंगलवार को खालसा पंथ स्थापना दिवस मनाया। इस दौरान गुरुबाणी के पाठ और अरदास से दिनभर धरने पर माहौल धार्मिक बना रहा। वहीं हक के लिए आंदोलन कर रहे किसानों ने बैसाखी पर जैसे उमंग और उत्साह की जगह सादगी से यह पर्व मनाया। किसानों ने सबके मंगल की कामना करते हुए कहा कि उम्मीद है कि सरकार को सद्बुद्धि आएगी। मोर्चा ने कहा कि किसानों की असली बैसाखी तब मनेगी जब उसकी फसल को वाजिब दाम मिलेगा और कॉर्पोरेट शोषण से मुक्ति मिलेगी।


मंच से किसान नेताओं ने कहा कि हक की लड़ाई अभी लंबी चलेगी इसलिए किसानों को सब्र और हिम्मत से काम लेना होगा। उन्होंने कहा कि आज नहीं तो कल केंद्र की सरकार को झुकना पड़ेगा और किसानों की बात सुननी होगी। तब तक किसान भी शांति से बैठे हैं। सरकार इम्तिहान ले रही है और किसान तो पहले दिन से इसका आदी है। वह प्रकृति को रोजाना इम्तिहान देते हैं। वहीं खालसा पंथ का स्थापना दिवस भी बॉर्डर पर मनाया गया। ज़ुल्म के खिलाफ लड़ते हुए हुए खालसा पंथ के शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। जलियांवाला बाग शहीद दिवस के अवसर पर कुंडली बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने मंच से विचार चर्चा की।

टोल बैरियर्स पर संयुक्त मोर्चा की बैठक में लेंगे फैसला
के.जी.पी.-के.एम.पी. के टोल प्लाजा शुरू करवाए जाने के मामले में भाकियू नेता एवं संयुक्त मोर्चा के सदस्य गुरनाम सिंह चढूनी का कहना है कि यह मामला उनकी जानकारी में अभी लाया गया है। वे इस मुद्दे को संयुक्त मोर्चा की बैठक में रखेंगे और इसके बाद जो भी निर्णय होगा वह लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दअरसल टोल बंद होने के बाद मोर्चा भी आश्वस्त हो गया था और आंदोलन को बढ़ाने के लिए महापंचायत कर रहे हैं। ऐसे में यहां संख्या कम हो गई थी। इसकी वजह से संभव है कि प्रशासन ने यह हिम्मत की है। किसान अपने निर्णय पर अडिग हैं और जल्द ही टोल टैक्स वसूली को लेकर फैसला लेंगे।

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Content Writer

Manisha rana