किसानों को आशंका: कानून व्यवस्था के नाम पर कार्रवाई कर सकती है सरकार

6/19/2021 10:03:44 AM

सोनीपत : किसान आंदोलन के बीच हो रही मारपीट व अन्य हिंसक घटनाओं से किसान नेताओं ने एक बार फिर किनारा करते हुए सरकार पर किसान आंदोलन को बदनाम करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। किसान नेताओं ने आशंका जाहिर की कि सरकार किसानों पर कार्रवाई का बहाना ढूंढ रही है। यही नहीं सरकार की गतिविधियों से साफ है कि वह कानून व्यवस्था का हवाला देकर किसी भी समय किसानों पर कार्रवाई कर सकती है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात इसी साजिश का पहला कदम हो सकता है। 

गत दिवस टिकरी बॉर्डर धरने पर कसार गांव निवासी मुकेश शर्मा को जिंदा जलाए जाने के बाद किसान नेताओं ने शुक्रवार को सिंघु बॉर्डर धरने पर मीडिया से बातचीत दौरान कहा कि इस तरह की हिंसक घटनाओं से किसान आंदोलन का कोई संबंध नहीं है लेकिन सरकार इस तरह की घटनाओं का भरपूर फायदा उठाने की फिराक में है। सरकार बार-बार कानून व्यवस्था की बात कर रही है जिससे साफ है कि वह किसानों पर कार्रवाई करने का बहाना ढूंढ रही है। किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल, डा. दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, हन्नान मुल्ला, जगजीत सिंह दल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहन, शिवकुमार शर्मा ‘कक्काजी’, युद्धवीर सिंह, योगेंद्र यादव ने कहा कि सरकार की मंशा शुरू से ही किसानों के विरोध में रही है और अब सरकार हर हिंसक घटना को किसान आंदोलन से जोड़ रही है। 

सरकार की योजना है कि किसी भी तरह से किसानों का दमन किया जाए। किसान नेताओं ने साफ कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल केंद्रीय मंत्री अमित से मिलकर पहले ही पटकथा लिख चुके हैं। यही कारण है कि बार-बार बिगड़ती हुई कानून व्यवस्था व अनुचित घटनाओं जैसे बयान दिए जा रहे हैं लेकिन यह तय है कि किसान डरने वाले नहीं है। सरकार यदि किसानों के धरने को खत्म करवाना चाहती है तो उसे 3 कृषि कानून रद्द करने ही होंगे। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार के खूब षड्यंत्रों के बावजूद किसान आंदोलन में लगातार भागीदारिता बढ़ती जा रही है। रोजाना किसानों के जत्थे सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर व गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं।

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Content Writer

Manisha rana