गन्ने के रेट में 10 रुपए की बढ़ोतरी से फूटा किसानों का गुस्सा, बोले- यह ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर
1/25/2023 4:08:07 PM
सोनीपत(सन्नी) : हरियाणा में गन्ना उत्पादक किसान लगातार काफी लंबे समय से गन्ने के भाव में बढ़ोतरी को लेकर सरकार के खिलाफ हल्ला बोल रहे हैं। इस बीच सरकार ने गन्ने के भाव में प्रति क्विंटल 10 रुपए की बढ़ोतरी करने का ऐलान किया है। सरकार की इस घोषणा के बाद धरने पर बैठे किसानों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है। किसानों ने गन्ने के भाव में बढ़ोतरी को भद्दा मजाक बताते हुए शुगर मिल से लेकर सभी चौक चौराहों से होते हुए ट्रैक्टर मार्च निकाला और मुख्यमंत्री के शव के पुतले की शव यात्रा भी निकाली। किसानों का कहना है कि आज गन्ने के भाव में जो बढ़ोतरी की गई है, वह ऊंट के मुंह में जीरा डालने के जैसा है।
किसानों ने सोनीपत में ट्रैक्टर मार्च निकालकर सीएम का पुतला फूंका
किसानों का कहना है कि वे लंबे समय से गन्ने के भाव में बढ़ोतरी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार ने आज काफी लंबे समय के बाद गन्ने के भाव में प्रति क्विंटल 10 रुपए की बढ़ोतरी की है। सरकार के इस कदम के बाद किसानों में काफी गुस्सा है। किसानों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी गन्ने का भाव 450 रुपए प्रति क्विंटल नहीं हो जाता, तब तक वे सरकार के खिलाफ इसी तरह हल्ला बोल प्रदर्शन करते रहेंगे। वहीं सोनीपत में ट्रैक्टर मार्च की अगुवाई कर रही महिलाओं का कहना है कि सरकार केवल किसानों की आय दोगुना करने का दावा करती है, जबकि असल में सरकार किसानों के भले के लिए कोई भी कदम नहीं उठा रही है।
किसान की आय दोगुनी करने के वादे को लेकर सरकार ने की वादाखिलाफी : किसान
प्रदर्शन में शामिल किसानों ने कहा कि सरकार केवल किसानों के साथ धोखा कर रही है। सरकार ने 2014 से पहले अपने घोषणापत्र में कहा था कि 2022 तक किसानों की आय को दोगुना कर देंगे, लेकिन 2023 शुरू हो चुका है और अब तक किसानों की आय दोगुनी नहीं हो पाई है, जबकि किसानों को उनका हक भी नहीं मिल रहा है। किसानों का आरोप है कि सरकार ने उनके खिलाफ वादाखिलाफी की है। प्रदर्शनरत किसानों का कहना है कि जब तक गन्ने का भाव 450 रुपए प्रति क्विंटल नहीं किया जाएगा, तक तब किसानों का यह आंदोलन इसी प्रकार जारी रहेगा। किसानों का कहना है कि गन्ने के भाव में बढोतरी होने तक शुगर मिल बंद रहेंगे। किसानों का कहना है कि शुगर मिल बंद होने से किसानों को कोई नुकसान नहीं हो रहा है। किसानों ने बताया कि करनाल में हुई महापंचायत में यह फैसला हुआ था कि कोई भी किसान अपना गन्ना लेकर शुगर मिल में नहीं पहुंचेगा। अगर जरूरत पड़ी तो किसान अपनी फसल को आग के हवाले करने के लिए भी पूरी तरह तैयार रहेंगे।
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