किसान आंदोलन : पुलवामा शहीदों की याद में किसानों ने निकाला कैंडल मार्च

2/15/2021 9:03:00 AM

सोनीपत : कुंडली बॉर्डर पर रविवार को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 2 साल पहले हुए आतंकी हमले में अपनी जान कुर्बान करने वाले शहीदों और किसान आंदोलन में शहीद होने वाले किसानों की याद में कैंडल मार्च निकाला गया। किसानों ने शहीदों के पोस्टर हाथों में लेकर उन्हें नमन करते हुए श्रद्धांजलि दी। इस दौरान सभी ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए एक मिनट का मौन रखा। दिन भर वंदे मातरम व भारत माता की जय के नारे लगते रहे। किसान नेताओं ने कहा कि किसान आंदोलन दिन-प्रतिदिन और मजबूत होता जा रहा है। मांगें पूरी न होने तक आंदोलन को रोजाना तेज किया जाएगा। इसी कड़ी में रविवार को सायं 5 बजे से लेकर 8 बजे तक कैंडल मार्च निकालकर पुलवामा के शहीद हुए 40 जवानों व किसान आंदोलन में शहीद होने वाले 225 किसानों को श्रद्धांजलि दी गई। वहीं इससे पूर्व 16 फरवरी को किसानों के मसीहा सर छोटूराम की जयंती को लेकर की जा रही तैयारियों पर चर्चा की गई।

तीन कृषि कानूनों के विरोध में कुंडली बॉर्डर पर किसान 81 दिनों से डटे हुए हैं। किसान नेताओं का कहना है कि गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में भड़की हिंसा के बाद किसान आंदोलन थोड़ा कमजोर जरूर पड़ा था, लेकिन हरियाणा के किसानों की भागीदारी के बाद आंदोलन दोबारा उसी जगह पहुंच गया है, जहां उसे होना चाहिए था। धरनास्थल पर अब हरियाणा-पंजाब के भाईचारे की नई इबारत लिखी जा रही है।

40 गांवों में कैंडल मार्च निकाल बताए तीनों कानूनों से होने वाले नुक्सान
किसान-मजदूर संघर्ष समिति के सदस्यों ने रविवार को जिले के 40 गांवों में कैंडल मार्च निकालते हुए ग्रामीणों को 3 काले कानूनों से होने वाले नुक्सान बताए और उन्हें इसके विरोध में संगठित होने का आह्वान किया। समिति सदस्यों ने कहा कि यह आंदोलन अकेला किसान आंदोलन नहीं है, अपितु सर्वहित के लिए चलाया जाने वाला आंदोलन है इसलिए इस आंदोलन की सफलता सबकी एकता पर टिकी हुई है इसलिए हम सबको मिलकर दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को और मजबूत बनाना होगा ताकि सरकार पर दबाव बनाया जा सके।

मोहाना में हुई मीटिंग
किसान मजदूर संघर्ष समिति की रविवार को गांव मोहाना में बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता मास्टर रामकिशन जौली द्वारा की गई जिसमें सर्वसम्मति से तय किया गया कि 16 फरवरी को चौ. छोटूराम जयंती के उपलक्ष्य में किसान मजदूर महापंचायत में भारी संख्या में किसान, मजदूर व महिलाएं भाग लेंगी। रामकिशन जौली ने कहा कि ये तीनों कानून समाज के सभी हिस्सों के खिलाफ हैं, ये कानून कार्पोरेट के फायदे के लिए बनाए गए हैं जिसका सभी वर्गों को एकजुट होकर विरोध करना है। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार इन कानूनों को वापस नहीं लेती, वे आंदोलन में पूर्ण सहयोग देते रहेंगे।

रेल रोको अभियान पर किया मंथन
पुलवामा में 2 साल पहले हुए आतंकी हमले में शहीद हुए 40 जवानों के साथ ही किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों की याद में कैंडल मार्च निकाला गया। इससे पूर्व संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने दिन भर 16 फरवरी को चौ. छोटूराम जयंती और 18 फरवरी को 4 घंटे के लिए चलाए जाने वाले रेल रोको अभियान को लेकर भी गहन मंथन किया। किसान नेताओं ने कहा कि सभी किसान फिलहाल 18 तक के आंदोलन पर ही फोकस कर रहे हैं, उसके बाद बैठक कर आगामी रणनीतियां बनाई जाएंगी।

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Content Writer

Manisha rana