Farmers Protest : 100 दिन से आंदोलन पर किसान, अढ़ाई सौ से अधिक की गई जान!

3/6/2021 11:12:25 AM

चंडीगढ़ (संजय अरोड़ा) : केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि बिलों के खिलाफ शुरू हुए किसान आंदोलन को आज पूरे 100 दिन हो गए हैं। इन सौ दिनों में किसान आंदोलन के अनेक रंग देखने को मिले। पंजाब ने आंदोलन की अगुवाई की तो धीरे धीरे हरियाणा, राजस्थान व उत्तर प्रदेश के किसान भी इस आंदोलन से जुड़ते चले गए जहां विभिन्न राज्यों के इस किसान आंदोलन को किसानों के साथ साथ आम आदमी का भी समर्थन मिला तो वहीं पंजाब के स्थापित फिल्मी सितारे और गायक भी आंदोलन का हिस्सा बने। 

रजाइयों, गद्दों से लेकर वाशिंग मशीन, ब्रांडेड कपड़ों का लंगर लगातार चलाया गया। खास बात ये भी रही कि किसान आंदोलन में छोटे बच्चों से लेकर 80 साल के बुजुर्ग व महिलाएं तक किसानी आंदोलन का झंडा बुलंद करती नजर आई और जज्बा ऐसा था कि कहीं कोई शिकन या शिकवा नहीं, चेहरों पर जोश, उत्साह और खुशी झलकती नजर आई। खासकर राकेश टिकैत के एक सर्वमान्य किसान नेता के रूप में उभरने के बाद अब आंदोलन में किसानी के साथ साथ राजनीतिक रंग भी दिखने लगा है। 


आंदोलन को लेकर पंजाब के किसान संगठनों ने शुरूआती 65 दिनों तक राजनेताओं को मंच से दूर रखा था और आंदोलन में किसी नेता को एंट्री नहीं करने दी गई, लेकिन 28 जनवरी के बाद से न केवल नेता किसानों के बीच पहुंचे, बल्कि उन्होंने मंच भी सांझा किया और अपना वक्तव्य भी दिया। बेशक अब किसानों के इस आंदोलन में सियासत भी नजर आ रही है मगर इन 100 दिनों में कड़ाके की ठंड के दौर में जहां करीब अढ़ाई सौ किसानों को आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवानी पड़ी तो वहीं केंद्र सरकार से किसान संगठनों की 11 दौर की वार्ताएं तो जरूर हुई मगर स्थिति जस की तस है।

महापंचायतों के जरिए दिखाई ताकत
28 जनवरी को राकेश टिकैत के आंसू छलकने के बाद वे एक सर्वमान्य किसान नेता के रूप में उभर कर सामने आए और वे किसान आंदोलन का एक बड़ा चेहरा बन गए। इस प्रकरण के एक दिन बाद राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी व दो दिन बाद इनैलो नेता अभय सिंह चौटाला गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचे। राज्यसभा के सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी उनसे मिलने पहुंचे। हरियाणा से खापों का समर्थन भी टिकैत को मिला। इसके बाद किसान महापंचायतों के जरिए किसानों ने अपनी ताकत दिखाई। हरियाणा में 3 फरवरी को जींद के कंडेला से किसान महापंचायत का सिलसिला शुरू हुआ।


अब कन्याकुमारी से कश्मीर तक साइकिल यात्रा 
किसान आंदोलन को तेज करने के मकसद से अब किसान कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक साइकिल यात्रा निकालेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से 12 मार्च को साइकिल यात्रा निकालने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा 8 मार्च को महिला दिवस मनाया जाएगा। इससे पहले 26 फरवरी को किसान ग्लोबल लाइव वेबीनार का आयोजन कर चुके हैं। इसके अलावा किसान आंदोलन के दौरान ही महिलाओं की ओर से भी किसानों के समर्थन में कार्यक्रम आयोजित किए। इसके अलावा गुरदास मान, बब्बू मान, जस बाजवा, कंवर ग्रेवाल व सोनिया मान सरीखे पंजाबी गायकों ने भी आंदोलन के मंच पर पहुंच कर किसानों का हौसला बढ़ाया।

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Content Writer

Manisha rana