Farmers protest : बातचीत की मेज पर फिर बैठ सकते हैं सरकार और किसान

2/1/2021 11:51:01 AM

सोनीपत : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कृषि सुधार कानूनों पर सरकार की तरफ से खुली बातचीत की पेशकश करते हुए सर्वदलीय बैठक में कहा है कि नए कृषि कानूनों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों को दिए गए प्रस्ताव का विकल्प अभी भी खुला है। सरकार बातचीत के लिए सिर्फ एक फोन कॉल की दूरी पर है। रविवार को प्रधानमंत्री की बात का असर आंदोलनकारी किसानों पर भी सकारात्मक रूप से दिखाई दिया जिसके बाद उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार और किसान अब फिर से बातचीत की मेज पर आ सकते हैं।

हालांकि किसानों ने रविवार को स्पष्ट किया कि सरकार से लिखित प्रस्ताव आता है, तभी बातचीत शुरू हो सकेगी और किसान अपनी तरफ से पहल नहीं करेंगे। इस तरह अब किसानों को सरकार के लिखित प्रस्ताव का इंतजार है जिससे बातचीत का बंद पड़ा रास्ता दोबारा से खुल सके और उससे कोई समाधान निकल सके। इसके साथ ही किसान नेताओं ने यह भी चेताया है कि सरकार अगर समझ रही है कि वह आंदोलन को तोड़कर खत्म करवा देगी तो यह उसकी बड़ी भूल है और ऐसा कभी नहीं होगा।

दरअसल कृषि कानून रद्द करवाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों व सरकार के बीच आखिरी बार 22 जनवरी को बातचीत हुई है और उसमें भी किसान केवल जवाब देने गए थे कि उनको सरकार का प्रस्ताव मंजूर नहीं है। उसके बाद से आंदोलन में लगातार उतार-चढ़ाव चल रहा है और अब दोबारा से आंदोलन मजबूत हो गया है जिससे किसान व सरकार दोनों ही चाहते हैं कि एक बार फिर बातचीत का सिलसिला शुरू हो। इसी बीच पी.एम. नरेंद्र मोदी के सरकार का प्रस्ताव अभी खत्म नहीं होने की बात को किसानों व सरकार के बीच चल रहा गतिरोध खत्म करने में काफी अहम माना जा रहा है।

Manisha rana