विरोध से बचने के लिए भाजपा प्रत्याशी दुग्गल ने बदला रास्ता, किसानों ने पीछा कर रोका काफिला...पूछे तीखे सवाल

punjabkesari.in Tuesday, Oct 01, 2024 - 05:46 PM (IST)

फतेहाबाद(रमेश भट्ट): रतिया से भाजपा उम्मीदवार सुनीता दुग्गल को आज किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा। सुनीता दुग्गल लांबा गांव में चुनावी प्रचार के लिए पहुंची थी। कार्यक्रम का विरोध करने पहुंचे किसानों से बचाने के लिए पुलिस उनके काफिले को कच्चे रास्ते से ले जाने लगी। किसानों ने उनका पीछा कर स्कूल ढाणी के पास रोक लिया।

किसानों ने भाजपा उम्मीदवार सुनीता दुग्गल से सवाल किए। जिस पर सुनीता ने जवाब दिए और माना कि किसानों का रास्ता रोकना गलत था और बॉर्डरों पर बैठे किसान असली हैं। साथ ही यह भी कहा कि शुभकरण की मौत की जांच होनी चाहिए। जिस पर किसान संतुष्ट हुए और उन्होंने काफिले को जाने दिया।

बता दें कि सुनीता दुग्गल का लांबा गांव में कार्यक्रम था। वहीं किसान प्लान बनाकर दुग्गल का गांव के बाहर इंतजार कर रहे थे। किसानों का नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन खेती बचाओ की टीम प्रधान सतनाम लांबा  कर रहे थे। 2-3 घंटे इंतजार के बाद उन्हें पता चला कि प्रशासनिक टीम दुग्गल के काफिले को कच्चे रास्ते से ले गई है, जिस पर उन्होंने वहां पीछा शुरू कर दिया और काफिले को स्कूल ढाणी के पास रोक लिया।

किसानों ने सुनीता दुग्गल से किए सवाल

किसानों ने पूछा कि वे सवाल पूछने आए थे, वो चोर गली से क्यों गईं, उन्हें पाप लगेगा, जिस पर दुग्गल ने कहा कि वे पुण्य आत्मा हैं। कच्चे रास्ते के सवाल पर दुग्गल ने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि रूट क्या है?

किसानों ने कहा कि वे सवाल पूछने आए हैं, जिस पर दुग्गल ने कहा कि शांति से सवाल करें, वे जवाब देंगी। इस पर किसानों ने पूछा कि उनके रास्ते रोके गए वो ठीक था या गलत था? जिस पर सुनीता दुग्गल ने कहा कि यह गलत था। जिस पर किसान नेता ने संतुष्टि जाहिर करते हुए कहा कि यदि हम आपका रास्ता रोक रहे हैं, तो आपको अब कैसा लग रहा है। उन्होंने सवाल किया कि जो किसान शंभू या खनौरी बार्डर पर हैं वो असली हैं या नकली, जिस पर सुनीता दुग्गल ने उन्हें असली बताया। इस पर किसानों ने जिंदाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए।

इसके बाद किसानों ने कहा कि आप हमारे सवालों के जवाब दे रही हैं, इसलिए आपकी हम इज्जत करते हैं। इसके बाद पूछा कि शुभकरण को गोली मारी गई, उसकी जांच होनी चाहिए या नहीं होनी चाहिए, जिस पर दुग्गल ने कहा कि जांच करवानी चाहिए।

किसानों ने इसके बाद पूछा कि जब वे एमपी थी तो उनके गांव नहीं आई, अब चुनाव के समय गांवों में कैसे आ गईं, जिस पर सुनीता दुग्गल ने उन्हें बताया कि 2 साल कोरोना और एक साल किसान आंदोलन में गुजर गया। बाकी दो सालों में 100 दिन उन्हें पार्टी कार्यक्रमों में जाना पड़ा। सवाल जवाब पूरे होने पर किसानों ने उन्हें जाने दिया।

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Content Editor

Saurabh Pal

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