प्रशासन के अरमानों पर चली जेसीबी, पुलिस से झड़प के बाद किसानों ने हाईटेंशन पोल के गड्ढों में डाली मिट्टी

3/31/2024 5:39:03 PM

सोनीपत(सन्नी मलिक): जिले के गांव नाहरा के किसानों और प्रशासन के बीच लगभग तीन महीने से खेतों से होकर जाने वाली हाईटेंशन लाइन को लेकर तानातानी चल रही है। इसी मामले में आज प्रशासन और पुलिस आमने सामने हो गए, लेकिन एकजुट किसानों के प्रशासन की एक न चली। किसानों जेसीबी से खेतों में हाइटेंशन लाइन के पोल लगाने के लिए खोदे गए गड्ढों में मिट्टी भर दी। इस दौरान पुलिस और किसानों में जबरजस्त झड़प हो गई। 

दरअसल, सोनीपत के गांव नाहरा में पिछले 3 महीनें से किसान हाई -टेंशन तार लाइन को लेकर लगने वाले पोल के विरोध में धरना दें रहे हैं। इसी धरने पर आज एक बड़ी महापंचायत का आयोजन किया गया। महापंचायत में सैकड़ो किसानों ने भाग लिया। महापंचायत में फैसला लिया गया कि हाई टेंशन तार के लिए खोदे गए गड्ढों को मिट्टी से भरा जाएगा।

इसके बाद सभी किसान एकत्रित होकर गड्ढों को भरने के लिए निकल पड़े। इस दौरान किसानों को रोकने के लिए तैनात पुलिस के जवानों और प्रदर्शनकारियों के बीच जबरदस्त तनातनी हुई, इसके बाद किसानों ने जेसीबी लेकर गड्ढों के पास पहुंच गए और जेसीबी की सहायता से सभी गड्ढों में मिट्टी डाल दी गई। किसानों का कहना है कि जब तक उन्हें उचित मुआवजा राशि नहीं दी जाएगी, उनका धरना जारी रहेगा। इस महापंचायत में किसानों ने फैसला लिया है कि जो भी भाजपा नेता गांव में आएगा उसका भी विरोध किया जाएगा।

गांव नाहरा में आयोजित महापंचायत स्थल से आईं तस्वीरें हैरान करने वाली हैं। किसानों को रोकने के लिए भारी पुलिस बल के तैनाती की गई थी, लेकिन पुलिस किसानों को रोकने में नाकाम रही। वहीं किसानों का कहना है कि सरकार उनके खिलाफ जानबूझकर कार्रवाई कर रही है। उनका कहना है कि किसानों की मांग उचित है और बार-बार किसानों को आश्वासन दिया जाता है, लेकिन हमारी करोड़ की जमीन को प्रशासन लाखों के भाव में लेना चाहता है। चेतावनी भरे लहजे में उन्होंने कहा कि जब तक किसानों के खाते में उचित मुआवजा राशि नहीं दी जाएगी। पोल नहीं लगाने दिए जाएंगे। इसके लिए किसान आर पार की लड़ाई लड़ने के लिए भी तैयार हैं। वहीं किसानों ने भाजपा नेताओं का गांव में आने पर बहिष्कार का भी फैसला लिया है।

इस मौके पर किसान नेता रवि आजाद भी पहुंचे और उन्होंने कहा कि हाई टेंशन तार के लिए पोल लगाए जाने हैं और इसके खिलाफ कई जगह धरना चल रहा है। सरकार किसानों की करोड़ों की जमीन को लाखों के भाव में लेना चाहती है जो बहुत ज्यादा गलत है। किसान विरोध कर रहे हैं और सरकार और अधिकारी किसानों की बात को जानबूझकर टाल रहे हैं।  

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Content Editor

Saurabh Pal