मुआवजा न मिलने पर किसान पहुंचे इश्योरेंस कार्यालय, मैनेजर कुर्सी छोड़ भागा

9/28/2019 1:42:03 PM

जींद(जसमेर मलिक): जींद सफीदों रोड स्थित एसबीआई इंश्योरेंस कार्यालय में किसानों ने दावा बोल दिया। किसानों ने कार्यालय में मौजूद एक कर्मचारी को पकड़कर बैठा लिया, जबकि कंपनी मैनेजर कुर्सी छोड़ भाग निकला। विभिन्न गांवों से आए किसानों ने करीब डेढ़ घंटे तक कंपनी मैनेजर के आने का इंतजार किया, लेकिन कंपनी मैनेजर वापस नहीं लौटा। इसके बाद किसान कंपनी कार्यालय के बाहर बैठ गए। 

जहां उन्होंने कंपनी और कृषि विभाग के अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी कर रोष प्रकट किया। किसानों का कहना था कि यदि उन्हें जल्द मुआवजा नहीं मिला तो वह कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। जिला के विभिन्न गांवों के किसान 2-3 सप्ताह से बीमा कंपनी कार्यालय के लगातार चक्कर काट रहे थे, लेकिन किसानों को हर बार कंपनी मैनेजर आज-कल आने की कहकर भगा देता था। कई बार कंपनी मैनेजर कुर्सी पर ही नहीं मिलता था। 



कार्यालय में केवल एक कर्मचारी ही मिलता था जो कि कंपनी मैनेजर के मीटिंग में होने की सूचना देकर अपना पल्ला झाड़ लेता था, इससे तंग आकर सुबह 11 बजे कई गांवों के किसान कंपनी कार्यालय के सामने जमा हो गए और कार्यालय में घुसकर कंपनी मैनेजर पर टूट पड़े। सभी किसान अपना-अपना मुआवजा न आने को लेकर सवाल-जवाब करने लगे। कंपनी मैनेजर किसी को कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया, किसान अपने सवालों के जवाब मांगने पर अड़े रहे। 

जब कंपनी मैनेजर को कुछ नहीं सुझा तो वह अपनी कुर्सी छोड़ निकल गया, लेकिन किसानों ने वहां मौजूद कर्मचारी को पकड़ लिया जो अपने आपको कंपनी एजुकेटिव बता रहा था। किसानों ने उसे वहीं बैठा लिया और कार्यालय से बाहर ही नहीं आने दिया। सिरसाखेड़ी गांव से आए किसान सुरेश, रामदिया धनखड़ी, बड़ौदी गांव की सुभाष पत्नी मीना, राणबीर आदि का कहना था कि वह करीब 3-4 सप्ताह से बीमा कंपनी कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं।

उनको हर बार बिना कोई संतोषजनक जवाब दिए ही भगा दिया जाता है। जब कंपनी मैनेजर से सवाल करते हैं तो वह कृषि विभाग कार्यालय में भेजे देते हैं और वहां पर जाते हैं तो वे वापस बीमा कंपनी कार्यालय पर भेज दिया जाता है। ऐसे में दोनों कार्यालयों के चक्कर काट-काटकर थक चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि गिरदावरी के समय उनकी खराब हुई फसलों की पूरी जानकारी नहीं ली गई। 

सिरसाखेड़ी के किसान सुरेश ने आरोप लगाया कि गिरदावरी के समय पटवारी ने खराब फसलों का पूरी जानकारी ली थी, लेकिन अब जांच की तो 3 एकड़ धान का ही ब्यौरा मिला है, जबकि आधा एकड़ कपास की फसल जो खराब हुई थी। उसका कहीं भी ब्यौरा नहीं मिला है। इस मामले में डीडीए सुरेंद्र मलिक से बात की गई तो उनका कहना था कि उसको इस मामले की जानकारी नहीं है। यदि मुआवजा अभी तक न मिलने को लेकर किसानों की शिकायत है तो वे उनसे मिले। वहीं अब तक जिन किसानों को बीमा कंपनी ने मुआवजा नहीं बांटा है। उसकी जांच करवाई जाएगी।

Shivam