एमएसपी पर बाजरा न बिकने से किसान परेशान, 1 हजार से 12 सौ रूपए तक ही मिल रहा भाव

10/23/2021 2:05:11 PM

झज्जर (प्रवीण कुमार): पिछले साल बेशक सरकार ने मंडियों में बाजरे की फसल एमएसपी पर खरीदी हो, लेकिन इस बार सरकार के नए नियमों के चलते किसानों को एमएसपी का भाव नहीं मिल पा रहा है। किसानों को बाजरे की फसल का भाव एक हजार से 12 सौ रूपए तक ही मिल पा रहा है।

किसानों का कहना है कि उसे फसल की उतनी कीमत भी नहीं मिल पा रही है जोकि लागत जितनी हो। हालांकि सरकार ने किसान को होने वाले नुकसान की भरपाई भावान्तर योजना के तहत करने की बात कही है। लेकिन किसानों का कहना है कि यदि भावान्तर भरपाई से किसान को कीमत मिल भी जाती है तब भी उसे प्रति क्विंटल चार सौ रूपए का नुकसान होगा। जोकि पिछले साल की तुलना में काफी नुकसान होगा। 

किसानों का कहना है कि उन्हें अपनी बाजरे की फसल आढ़ती के यहां मजबूरी में बेचनी पड़ रही है, जबकि सरकार की तरफ से किसी भी एजेंसी द्वारा बाजरे की फसल बोली पर नहीं खरीदी जा रही है। झज्जर के गांव छारा व भदानी से आए किसानों ने मीडिया के सामने मुखातिब होकर अपनी समस्या बताई। किसानों का कहना था कि आढ़ती एक हजार रूपए से लेकर 12 सौ व 13 सौ रूपए तक बाजरे की खरीद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी बोली न होने व एमएसपी पर बाजरा नहीं खरीदे जाने से उन्हें काफी नुकसान हो रहा है। 

 

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Content Writer

vinod kumar