किसानों को झटका, फूलों के बाद अब फलों की खेती पर भी नहीं मिलेगी सबसिडी

5/23/2017 3:42:41 PM

सोनीपत : फलों की खेती की चाह रखने वाले किसानों को बागवानी विभाग की तरफ से झटका लगा है। बागवानी विभाग ने अमरूद को छोड़कर फलों की खेती पर सबसिडी देनी बंद कर दी है जिसके चलते किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गौरतलब है कि जिले में आम, बेर, मौसमी के साथ-साथ किसान चिक्कू और लीची आदि फलों की खेती भी करते हैं। बागवानी विभाग द्वारा उक्त फलों की खेती पर किसानों को सबसिडी के रूप में प्रोत्साहित भी किया जाता था परंतु अब बागवानी विभाग ने फलों पर सबसिडी से अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं।  

 
जिले में 1500 हैक्टेयर में होती है फलों की खेती 
फल उत्पादन क्षेत्र में पिछले कुछ समय से किसानों का रुझान बढ़ता जा रहा था। जिसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिले में फलों की खेती का रकबा लगभग 1500 हैक्टेयर तक पहुंच था। जिसके अंतर्गत आम की खेती 157 हैक्टेयर, अमरूद के बाग 881 हैक्टेयर, बेर की खेती 434 हैक्टेयर में की जा रही थी। वहीं, मौसमी व नींबू का रकबा भी 23 हैक्टेयर तक पहुंच गया था। इसके अतिरिक्त किसान 9 हैक्टेयर में चीकू व 2 हैक्टेयर में किसान लीची की खेती भी कर रहे थे। परन्तु सबसिडी समाप्त होने के बाद फलों की खेती करने वाले किसानों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। 


अमरूद में जारी रहेगी 20 से 50 प्रतिशत सबसिडी 
बागवानी विभाग ने भले ही आम, बेर आदि फलों पर से सबसिडी हटा दी है लेकिन अमरूद की खेती करने वाले किसानों को अब भी 20 से 50 प्रतिशत की सबसिडी जारी रहेगी। बागवानी विभाग के एक्शन प्लान के अंतर्गत 6 मीटर गुणा 6 मीटर पर अमरूद का बाग लगाने वाले किसान को प्रति हैक्टेयर 11,000 रुपए से अधिक की सबसिडी दी जाएगी। एक किसान को अधिक से अधिक 4 हैक्टेयर का लाभ दिया जाएगा। विभाग द्वारा 20 हैक्टेयर के लिए 2 लाख 30 हजार रुपए की सबसिडी देने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अतिरिक्त पहले से लगाए गए अमरूद के बागों के रखरखाव के लिए भी लगभग 20 प्रतिशत सबसिडी दी जा रही है।