गेहूं की जली हुई फसल का मुआवजा ना मिलने पर ठगा हुआ महसूस कर रहे किसान, जल्द करेंगे आंदोलन

5/8/2022 5:57:51 PM

जींद(अनिल): हरियाणा में आगजनी की भेंट चढ़ी गेहूं की फसलों के लिए, किसानों को बीमा कंपनियों द्वारा मुआवजा नहीं दिया जाएगा। बीमा कंपनियों के इस फैसले के चलते प्रदेश के किसान अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। मुवावजे की मांग को लेकर हरियाणा की कई खापों ने आंदोलन करने का ऐलान कर दिया है। इसे लेकर जल्द ही जींद की जाट धर्मशाला में एक महापंचयात कर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।

दरअसल फसल कटाई के सीजन में पिछले माह आगजनी से प्रदेशभर में हजारों एकड़ गेहूं की खड़ी फसल जलकर राख हो गई थी। प्रदेश सरकार ने गेहूं की फसल जलने पर प्रति एकड़ 15 हजार रुपये मुआवजा देने का फैसला किया है। लेकिन सरकार की तरफ से जारी पत्र में मुआवजे के लिए केवल गैर बीमित जली हुई फसलों की ही रिपोर्ट प्रशासन से मांगी गई है। यानि जिन किसानों ने अपनी फसल का बीमा करवाया हुआ है, उन्हें सरकार मुआवजा नहीं देगी। वहीं दूसरी ओर फसल बीमा योजना में प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान के बदले ही मुआवजा मिलता है। फसल बीमा योजना में आग से जली गेहूं की फसल का क्लेम देने का प्रावधान नहीं है। इस योजना के अनुसार आगजनी को प्राकृतिक आपदा नहीं माना गया है। इसलिए जिन किसानों ने फसल बीमा योजना के तहत गेहूं की फसल का बीमा करवाया था, उन्हें ना बीमा कंपनी की तरफ से और ना ही प्रदेश सरकार की ओर से कोई मुआवजा मिलेगा। इसलिए किसानों को लग रहा है कि उनके साथ धोखा हुआ है। प्रदेश सरकार और बीमा कंपनियों के फैसले के खिलाफ हरियाणा की खाप पंचायतें आंदोलन का रास्ता अपनाने की बात कर रही हैं। राष्ट्रीय खाप सयोंजक, टेकराम कंडेला ने बताया कि इस आंदोलन की रणनीति बनाने के लिए जल्द ही जींद की जाट धर्मशाला में एक महापंचयात बुलाई जाएगी।

 

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Content Writer

Vivek Rai