किसानों का ऐलान, NIA के सामने नहीं होंगे पेश, बोले- संयुक्त मोर्चा कहेगा तो ही होंगे शामिल

1/20/2021 8:52:39 AM

सोनीपत : दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों ने साफ किया कि एन.आई.ए. (राष्ट्रीय जांच एजैंसी) ने जिन किसानों को नोटिस भेजे हैं वे एन.आई.ए. की जांच में शामिल नहीं होंगे। इससे पहले किसान नेता बलदेव सिरसा पहले ही एन.आई.ए. के सामने पेश होने से साफ इंकार कर चुके हैं। किसानों ने तय किया कि वे संयुक्त मोर्चा की ओर से आदेश मिलने पर ही एन.आई.ए. के सामने पेश हो सकते हैं। इधर, मंगलवार को बलदेव सिंह सिरसा ने मंच से एक चिट्ठी पढ़कर सभी को सुनाई जिसे दिल्ली भाजपा की चिट्ठी बताया जा रहा है। चिट्ठी में आर.एस.एस. के सदस्यों को संबोधित कर कहा गया है कि वे किसी भी सूरत में सरकारी सम्पत्ति या भाजपा कार्यालयों को डैमेज न होने देें।

चिट्ठी में बताया गया है कि किसान आंदोलन में कुछ देशद्रोही व गैर-जिम्मेदाराना लोग शामिल हैं जिनसे निपटने के लिए हर समय तैयार रहना होगा। मंच से किसानों को संदेश दिया गया कि वे किसी भी साजिश के शिकार हो सकते हैं। ऐसे में पूरी तरह से चौकन्ने रहें और आंदोलन को कमजोर न होने दें। 55 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन चल रहा है। आंदोलन में शामिल कुछ किसानों व सेवादारों को पिछले दिनों एन.आई.ए. ने नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया है। उन्होंने 17 जनवरी को एन.आई.ए. के सामने पेश होने को कहा गया था लेकिन सिरसा एन.आई.ए. के सामने पेश नहीं हुए और कहा कि वे एन.आई.ए. के सामने कतई नहीं जाएंगे। बलदेव सिंह सिरसा के बाद 2 अन्य किसानों को एन.आई.ए. का नोटिस मिला था। इससे पहले पंजाब में भी कई लोगों को एन.आई.ए. की ओर से पूछताछ के लिए नोटिस भेजे गए हैं।

एन.आई.ए. का कहना है कि इन लोगों पर संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होने व प्रतिबंधित संगठनों से धन लेने का शक है। यही कारण है कि इस मामले में जांच की जा रही है। लगातार किसानों को नोटिस मिलने के बाद मंगलवार को मंच से किसानों ने ऐलान किया कि वे किसी भी जांच एजैंसी की जांच में शामिल होने के लिए पेश नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि सीधे तौर पर सरकार किसान आंदोलन को दबाने के लिए अलग-अलग हथकंडे अपना रही है लेकिन किसान आंदोलन को कमजोर नहीं होने देंगे। किसानों ने कहा कि सरकार की साजिश है कि किसानों को सुरक्षा एजैंसियों के जरिए डराया-धमकाया जाए। बलदेव सिरसा ने कहा कि वे कभी भी किसी ऐसे संगठन के संपर्क में नहीं रहे जो देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं। वे यहां निरंतर सेवारत हैं और अन्य साथी जिन्हें नोटिस भेजा गया है, वे भी किसान आंदोलन में सेवारत हैं लेकिन इसके बावजूद उन्हें आतंकी ठहराने का षड्यंत्र रचा जा रहा है।

किसानों से चंदा बटोर ले गए फर्जी सेवादार
किसान आंदोलन में कुछ फर्जी लोग घुस गए हैं जो मौके का फायदा उठाकर भोले लोगों को ठग रहे हैं। मंगलवार को मंच से घोषणा कर यह खुलासा किया गया कि धरने पर कुछ लोग 50-60 बुजुर्ग किसानों से चंदा एकत्रित कर ले गए लेकिन उन्होंने न तो कोई रसीद दी और न ही फोन नम्बर। चंदा एकत्रित कर रहे युवाओं ने खुद को किसान आंदोलन का हिस्सा बताया और कहा कि वे किसान आंदोलन दौरान खर्च के लिए चंदा एकत्रित कर रहे हैं। भोले बुजुर्गों ने उन्हें चंदा दे दिया लेकिन जब रसीद मांगी तो टाल-मटोल करने लगे। किसानों की सभा में मंच संचालन कर रहे किसान नेता ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि कुछ फर्जी लोग स्वयं को सेवादार बता रहे हैं और बुजुर्ग किसानों को बहकाकर चंदा एकत्रित कर रहे हैं। ऐसे लोगों बारे में पता चलने पर तुरंत किसान नेताओं को सूचित करने की बात उन्होंने कही। उन्होंने यह भी कहा कि वह इस मामले में पुलिस को शिकायत देंगे।

 

Manisha rana