CM के बदले तेवरों से सर्दी में हो रहा गर्मी का अहसास

12/22/2019 6:17:07 PM

डेस्कः हरियाणा में मौसम के लिहाज से इन दिनों बेहद ठिठुरन का माहौल है और शीतलहर का प्रकोप है लेकिन चंडीगढ़ स्थित सचिवालय में काफी ‘गर्माहट’ है। ये गर्मी भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की गंभीरता, संजीदगी और सतर्कता के कारण है। सी.एम. मनोहर लाल के अपनी पार्ट-2 सरकार में शासन-प्रशासन को चुस्त बनाने की कवायद के साथ-साथ प्रदेश की जनता की समस्याओं के निवारण करने को लेकर मिजाज काफी गर्म नजर आ रहे हैं। 

इस वक्त उनके जैसे मिजाज हैं असल में वे खट्टर पार्ट-1 से कहीं अलग दिखाई दे रहे हैं और यही वजह है कि चंडीगढ़ सचिवालय में कार्य योजना बनाने से लेकर इन योजनाओं के क्रियान्वयन में अब काफी रफ्तार दिखाई दे रही है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पहले अधिकारियों व आम जनमानस से मुलाकात करते हैं और फिर बैठकें व बाद में फोन के जरिए फीडबैक जुटाते हैं। यही नहीं फोन पर फीडबैक का सिलसिला देर रात तक चलता है और इसके तहत वह अधिकारियों, मंत्रियों, विधायकों व पार्टी के नेताओं से उनके क्षेत्र की दिनभर की पूरी जानकारी हासिल करते हैं। 


बताया गया है कि जैसे ही सूबे पर तनी कोहरे की चादर छंट जाएगी वैसे ही मुख्यमंत्री प्रदेश के सभी 90 हलकों में जनता के बीच जाकर मन की सुनेंगे और मन की कहेंगे। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि मुख्यमंत्री खट्टर बेशक अपने पिछले प्लान में गंभीरता और संजीदगी से काम करते रहे लेकिन इस बार उनमें बेहद बड़ा बदलाव महसूस किया जा सकता है और इसी बदलाव की परिणति है कि वह दूसरी बार सरकार बनने के साथ ही अभी से ‘भविष्य’ की राह को सुगम बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं जिसका सीधा लाभ न केवल प्रदेश को विकासकारी योजनाओं से होगा अपितु सरकार की छवि भी आम जनमानस में मजबूत करने का प्रयास होगा।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वर्ष 2019 के विधानसभा चुनावी नतीजों से काफी कुछ सीखा है। इस सीख का ही असर कह लीजिए कि सरकार की छवि सुधारने हेतु वह शुरूआती दौर से लेकर अब तक काम करते ही दिखाई दे रहे हैं और अपनी सरकार में शामिल मंत्रियों से भी यही अपेक्षा रखते हुए उन्हें भी कायदे की डोर से बांधे हुए हैं क्योंकि वर्ष 2019 के विधानसभा चुनावों में उनकी सरकार के ज्यादातर प्रभावी मंत्री चुनावी दंगल में मात खा गए। कारण भले ही कुछ भी रहे हों मगर इन नतीजों से सी.एम. खट्टर ने नसीहत जरूर ली है और इसी का ही नतीजा है कि उन्होंने अपने मंत्रियों से काम का ब्यौरा भी मांगने का दौर शुरू कर दिया है।

Isha