पराली जलाई तो मौके पर पहुंचेगा दमकल वाहन, खर्चा भी किसान से वसूला जाएगा

11/5/2019 12:42:34 PM

चंडीगढ़ (गौड़): हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश सरकार ने अब किसानों पर सख्त कार्रवाई करने का फैसला किया है। बार-बार समझाने के बावजूद जो किसान पराली जलाते हुए पकड़े जाते हैं अब उनसे कार्रवाई दौरान हुआ खर्चा भी वसूल किया जाएगा। सोमवार को प्रदेश की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा की प्रदेश के सभी उपायुक्तों व अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रैंसिंग के जरिए हुई मीटिंग दौरान यह निर्णय लिया गया। 

मीटिंग दौरान मुख्य सचिव ने सभी जिलों के उपायुक्तों को पराली जलाने वाले किसानों पर एफ.आई.आर. दर्ज किए जाने के आंकड़ों सहित रिपोर्ट उपलब्ध कराने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि जहां भी पराली जलाई जा रही है वहां दमकल गाडिय़ां जल्द से जल्द पहुंचकर आग पर नियंत्रण करें। यही नहीं, इस दौरान जितना भी खर्चा होगा उसकी वसूली भी संबंधित किसानों से ही की जाए।

उन्होंने प्रदेश के सभी उपायुक्तों एवं अधिकारियों को पर्यावरण संरक्षण में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए अपना भरपूर योगदान देने का आह्वान किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदूषण की रोकथाम हेतु सघन अभियान चलाया जाए। पेड़ों पर जल फव्वारों के साथ छिड़काव किया जाए, जिससे प्रदूषण के स्तर में कमी आ सके। यदि किसी जिले में जल फव्वारों की कमी है तो वे इसके लिए मुख्यालय में पत्र लिखकर आवेदन कर सकते हैं।

तीन दिन तक पंचायत  में की जाए निंदा
वीडियो कांफ्रैंसिंग दौरान मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि जगह-जगह मोबाइल पाॢटयों की मदद से पराली जलाने वाले क्षेत्रों में जल्द से जल्द पहुंचा जाए और सख्त कार्रवाई की जाए। इसके अतिरिक्त गांवों में अगले 3 दिन तक ग्राम सभाओं का आयोजन किया जाए,जिसमें सरपंच द्वारा पराली जलाने वाले किसानों के नामों की सूचना दी जाए और इसकी पंचायत में कड़े शब्दों में ङ्क्षनदा भी की जाए। 
उन्होंने कहा कि पराली प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए ग्राम सचिव, पटवारी तथा नंबरदारों को भी सम्मिलित किया जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नर यह सुनिश्चित करें कि शहरों में नगर परिषद व नगरपालिकाओं के कर्मचारी कहीं भी कूड़े को आग न लगाएं। अगर कोई कर्मचारी आग लगाते हुए मिले तो तुरंत सख्त कार्रवाई की जाए।

अधिकारियों पर भी हो कार्रवाई
केशनी आनंद अरोड़ा ने बताया कि जो भी अधिकारी या कर्मचारी पर्यावरण संरक्षण की ओर ध्यान नहीं दे रहा है उस पर कार्रवाई की जाए। सभी कस्टमर हायरिंग केंद्रों का निरीक्षण किया जाए और आंकड़ा एकत्रित किया जाए कि कितने किसानों द्वारा इसका लाभ उठाया गया है। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि सभी कंबाइनर स्ट्रॉ मैनेजमैंट सिस्टम से जुड़े हों। उन्होंने कहा कि निर्माण,ब्रिक्स प्लांट्ïस,टूटी सड़कों,पराली, कूड़ा, वाहनों के जाम, अवैध पार्किंग व अन्य किसी तरह से प्रदूषण न हो, इसके लिए आदेशों की कड़ाई से पालना की जाए।

Isha