5 साल बाद रिंग में उतरी 2 बच्चों की मां, बॉक्सिंग में जीता गोल्ड (VIDEO)

8/2/2018 4:23:24 PM

गुड़गांव(सतीश):  हम अक्सर कहते और सुनते आए है कि शादी के बाद एक लड़की की जिंदगी उसके पारिवारिक जीवन में उलझ कर रह जाती है। उसके बाद वह कुछ नहीं कर पाती। लेकिन इस सोच को पछाड़ते हुए 23 साल की चेतना सैनी ने सबको गलत साबित कर दिया है। अगर उन्हें गुड़गांव की मैरी कोम कहा जाए, तो गलत नहीं होगा। हरियाणा के गांव फर्रुखनगर में जन्मीं चेतना की शादी कम उम्र में ही हो गई थी। उस समय वह नैशनल लेवल पर बॉक्सिंग में झंडे गाड़ रही थीं। लेकिन उन्होंने कामयाब बॉक्सर बनने का सपना पूरा करने की चाह अपने दिल में जिंदा रखी। शादी के बाद चेतना ने दो बच्चों को जन्म दिया और साथ-साथ अपनी पढ़ाई भी जारी रखी। इतना ही नहीं उन्होंने 5 साल बाद फिर रिंग में उतरकर डिस्ट्रिक्ट लेवल चैंपियनशिप में गोल्ड जीत लिया। वह अब नैशनल टूर्नमेंट में एंट्री की तैयारी कर रही हैं। चेतना ने बताया कि वे दो बहनें हैं और उनकी शादी भी एक साथ हुई। उस समय उन्होंने अपनी इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की थी। उनका कॉलेज गांव से काफी दूरी पर होने के कारण वह आगे की पढ़ाई नहीं कर पाई थी। 

पति ने किया आगे बढ़ने में सपोर्ट 
चेतना अपने ससुराल में बड़ी बहु थी, जिसकी वजह से उनकी जिम्मेदारियां भी ज्यादा थी। सिलोखरा गांव में वह एक जॉइंट फैमिली में आईं थीं लेकिन जल्द ही उन्होंने परिवार का मन जीत लिया। उन्होंने अपनी बीकॉम की पढ़ाई गवर्नमेंट गर्ल्स कॉलेज गुड़गांव से पूरी की और फिर एमकॉम में भी एडमिशन ले लिया। उन्होंने कहा कि मुझे सिर्फ मेरे पति ने ही नहीं बल्कि सास, ननद, देवर सबने सपोर्ट किया। उनके मन में दबी बॉक्सिंग की चाहत को हवा दी। 

3 बार नैशनल टूर्नमेंट का बन चुकी हैं हिस्सा 
शादी से पहले चोतना 3 बार नैशनल टूर्नमेंट का हिस्सा बन चुकी हैं। उन्होंने स्कूल लेवल पर 2010 में ओपन नैशनल प्रतियोगिता तमिलनाड़ू, 2011 में नैशनल टूर्नमेंट पंजाब और 2012 में स्कूल नैशनल प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। 

डिस्ट्रिक्ट लेवल पर बनीं बेस्ट बॉक्सर 
जहां लोग लंबे ब्रेक के बाद काफी महीने प्रैक्टिस में लगा देते है।  वहां चेतना को केवल 2 महीने की प्रैक्टिस से डिस्ट्रिक्ट लेवल पर आयोजित बॉक्सिंग प्रतियोगिता में बेस्ट बॉक्सर का खिताब मिला। उन्होंने बताया कि वह प्रशिक्षक विजय गौड और धर्मवीर के अंडर प्रैक्टिस कर रही हैं।  दो महीने बाद नैशनल ओपन बॉक्सिंग चैंपियनशिप के लिए ट्रायल लिए जाने हैं। जिसके लिए उन्होंने प्रैक्टिस शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि उनके परिवार का सपना है कि मै देश के लिए मेडल जीतकर लांऊ। 

गांव में शुरू करेंगी फ्री कोचिंग 
चेतना का कहना है कि वो सिलोखरा की बच्चियों और महिलाओं को फ्री में बॉक्सिंग की कोचिंग देना चाहती हैं। बॉक्सिंग सीखकर महिलाएं आत्मरक्षा के गुर भी सीख सकती हैं, जोकि आज के समय में बहुत जरूरी हो गया है। फिलहाल एक स्कूल में बच्चियों को बॉक्सिंग की ट्रेनिंग दे रही हैं। साथ ही वो चाहती है कि लड़कियों को इतना मजबूत बनाया जाए कि उन्हें बुरे में किसी के सहारे की जरूरत ना पड़े और वो अपनी रक्षा खुद कर सकें। 

Rakhi Yadav