लोगों की सेहत से खिलवाड़: फोॢटफाइड आटे से निकले कीड़े

6/26/2019 9:26:07 AM

अम्बाला शहर (वनीता): सरकारी डिपोस में मिलने वाले आटे की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हुए हैं। उपभोक्ताओं को दिए जा रहे इस फोॢटफाइड आटे में कीड़े देखने को मिल रहे हैं। इसके बावजूद विभागीय अधिकारी क्षेत्र के हर डिपो में ऐसे घटिया आटे की खेप भेज रहे हैं, जिससे इससे सरेआम लोगों की सेहत से खिलवाड़ हो रहा है। शहर के सस्ते राशन के नाम पर लोगों को खराब सामान सप्लाई किया जा रहा है।

विभाग की ओर से सामान की कोई जांच नहीं की जा रही। इस माह भी कई डिपोस में खराब आटे की खेप पहुंची है। आटे में पूरी तरह से कीड़ पड़ चुका है  इसी समस्या को लेकर एक महिला बुधवार को खाद्य आपूॢत विभाग के कार्यालय में पहुंची। इस दौरान महिला ने अधिकारियों को डिपो से दिया गया आटा दिखाया। महिला ने आरोप लगाया कि डिपो से राशन का आटा लिया। मगर जब घर में जाकर आटे की जांच की गई तो पाया गया कि आटा खराब है। महिला ने अधिकारियों ने नियमित जांच करने की मांग उठाई। इससे पहले भी सरकारी राशन के डिपोस में खराब सामान की सप्लाई आई है। ऐसे में अच्छा राशन मुहैया करवाने के दावे भी खोखले साबित हो रहे हैं।

शहर के नया गांव, नया बांस, घेल रोड डिपो द्वारा दिए उपभोक्ताओं के आटे से सफेद रंग के कीड़े व सुरसरी निकलने का मामला सामने आया है। कमलेश, साधो देवी, रमेश्वरी, वर्षा, रजनी देवी, किरना, रजनी, गोलू आदि ने बताया कि वह डिपो से आटे की थैलियां लेकर आए थे लेेकिन जैसे ही उन्होंने आटे की थैलियों को खोला तो उसमें से कीड़े निकलने शुरू हो गए। 

उक्त लोगों का कहना है कि सरकार उन्हें आटे की अपेक्षा गेहूं ही वितरित करे। कहने को तो फोर्टिफाइड आटा है लेकिन इसमें कीड़े निकलने से इसकी गुणवत्ता समाप्त हो गई। इसके अलावा इसकी पिसाई मोटी है। उपभोक्ताओं का कहना है कि इसकी गुणवत्ता की तारीख केवल 60 दिनों तक ही रखी गई है लेकिन यह आटा 45 से 50 दिनों के अंदर डिपो में पहुंचता है। उपभोक्ताओं तक पहुंचते-पहुंचते उसकी समाप्ति की तारीख आ जाती है। इसलिए सरकार को चाहिए कि वह उन्हें आटा न देकर गेहूं की वितरित करें।

Isha